सत्यपाल सिंह राजपूत, रायपुर। नर्सिंग में तीन साल से 50% से ज़्यादा विद्यार्थी फेल हो रहे हैं. वर्ष 2020 और 2021 में जहां 50 प्रतिशत छात्र पास हुए थे, वहीं इस साल महज 41 प्रतिशत छात्र ही पास हुए हैं. वहीं दूसरी ओर शून्य प्रतिशत में दाख़िला देने के बाद भी नर्सिंग कॉलेजों में 7026 सीटों में से 1738 सीटें ख़ाली रह गई हैं. इसे भी पढ़ें : मंत्री रविंद्र चौबे बोले- भगवान श्री राम और शंकराचार्य की यात्रा के समान है राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा…

मेडिकल शिक्षा डायरेक्टर डॉक्टर विष्णु दत्त ने परिणाम को चिंताजनक बताते हुए कहा कि इसकी समीक्षा की जा रही है. पढ़ाने-लिखाने का काम संस्थान का होता है, वहीं से कारण पता चलेगा. उन्होंने कहा कि नर्सिंग में 7000 से ज़्यादा सीट हैं, जिनमें से 1700 से ज़्यादा सीट लैप्स हुआ है. लगभग 5000 विद्यार्थियों का रजिस्ट्रेशन हुआ है. कटअप शून्य प्रतिशत कर दिया गया, फिर भी विद्यार्थी क्यों नहीं पढ़ना चाहते हैं, इसका पता लगाया जा रहा है.

लगातार घटता जा रहा परिणाम

2022 में एक 41 प्रतिशत परीक्षा परिणाम रहा है तो वहीं 2021 में पचास प्रतिशत परीक्षा परिणाम रहा 50% विद्यार्थी फ़ेल हुए, 2020 में भी पचास प्रतिशत परीक्षा परिणाम रहा. पचास प्रतिशत विद्यार्थी फ़ेल हुए. वहीं दूसरी ओर व्यापम ने 2012 में पहली बार नर्सिंग कोर्स में एडमिशन के लिए पचास प्रतिशत कटऑफ घोषित किया था, इसे 2019 में इसको घटाकर 20 प्रतिशत किया गया. छात्रों की उदासीनता को देखते हुए एडमिशन के लिए 2022 में जीरो पर्सेंटाइल कर दिया गया था.

इसे भी पढ़ें : BREAKING NEWS : मस्जिद में बड़ा धमाका, अब तक 2 की मौत, 50 लोग घायल, देखें VIDEO…

नर्सिंग कॉलेजों में कागज में व्यवस्थाएं

नर्सिंग कोर्स की बद से बदतर हो रही हालत पर मेडिकल शिक्षा संचालक ने कहा कि नर्सिंग कॉलेज मान्यता के लिए मापदंड निर्धारित है. उसके पालन कराने के लिए अधिकारी भी तैनात हैं. टीम निरीक्षण में भी जाती है. वहीं विशेषज्ञों का मानना है कि नर्सिंग की पढ़ाई एक क्लीनिकल आधारित है. नर्सिंग कॉलेजों के पास काग़ज़ में व्यवस्थाएं तो है, लेकिन अधिकतम विद्यार्थियों को भौतिक रूप से विद्यार्थियों को इसकी सुविधा नहीं मिल रही है, तो गुणवत्ता की बात कैसे हो सकती है.

छतीसगढ़ की खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक 
मध्यप्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
दिल्ली की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
पंजाब की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
मनोरंजन की खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक