नई दिल्ली। वाकई अमेरिका कैपिटिलिज्म याने पूंजीवाद का गढ़ है, यहां भावनाएं नहीं बल्कि पैसा बोलता है. यह बात ChatGPT के सीईओ और को-फाउंडर सैम ऑल्टमैन को OpenAI के गवर्निंग बोर्ड ने एक झटके में नौकरी से बाहर कर साबित कर दिया. बोर्ड के मुताबिक, उसे ऑल्टमैन की काबिलियत पर विश्वास नहीं रहा कि वह उसे आगे लेकर जा पाएंगे.
बता दें कि ChatGPT को पिछले साल लॉन्च किया गया था, और इसने दुनियाभर में सनसनी फैला दी थी. ऑल्टमैन के बाहर निकलने के साथ सीटीओ मीरा मुराती अंतरिम CEO की जिम्मेदारी सौंपी गई है. हालांकि, कंपनी परमानेंट CEO की सर्च भी जारी रखेगी.
सैम ऑल्टमैन को हटाए जाने के बाद उनके साथ आठ सालों तक खून-पसीना बहाने वाले OpenAI के प्रेसिडेंट ग्रेग ब्रॉकमैन बोर्ड ने भी चेयरमैन का पद छोड़ने की घोषणा कर दी है. आल्टमैन ने ट्वीट कर कहा कि मैंने ओपन एआई में जितना समय बिताया, मुझे वह बहुत पसंद आया. मुझे सबसे ज्यादा मजा कंपनी के प्रतिभाशाली लोगों के साथ काम करके आया है.
बदल दी टेक्नालॉजी की दिशा
बता दें कि 38 साल के सैम ऑल्टमैन पिछले साल सुर्खियों में आए थे, जब उन्होंने ChatGPT को दुनिया के सामने पेश किया. इस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस चैटबॉट के जरिए कई काम किए जा सकते हैं. ChatGPT के जरिए मुश्किल सवालों का आसान जवाब जाना जा सकता है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस चैटबॉट चैटजीपीटी को OpenAI नाम की कंपनी ने बनाया है. सैम ऑल्टमैन के अलावा इस कंपनी के पांच और को-फाउंडर्स हैं.