रायपुर। जीएसटी के सरलीकरण को लेकर व्यापारियों के संगठन कैट ने शुक्रवार को भारत बंद का आह्वान किया था. बंद के दौरान न केवल राजधानी बल्कि प्रदेश के सबसे बड़े पंड़री कपड़ा मार्केट में बंद कराने के लिए निकले कैट पदाधिकारियों को व्यापारियों के गुस्से का सामना करना पड़ा. विरोध के स्वर को प्रबल होता देख कैट पदाधिकारी बैरंग लौटना पड़ा, कपड़ा बाजार की दुकानें खुली रहीं.

रायपुर थोक कपड़ा व्यापारी संघ के अध्यक्ष चंदर विधानी ने बताया कि कैट के पदाधिकारी गुरुवार को आकर सभी व्यापारियों से समर्थन पत्र भरवा रहे थे, और आज सुबह से कपड़ा मार्केट में आ कर बैठ गए थे. दुकानों को जबरन बंद करने कहा जा रहा था, जिसका कपड़ा व्यापारी संघ ने विरोध किया है. उन्होंने कहा कि जीएसटी में सरलीकरण सभी व्यापारी चाहते हैं, लेकिन ये तरीका सही नही है. ये केंद्र का मामला है, यहां विरोध-प्रदर्शन कर कुछ हासिल होने वाला नहीं है. यही वजह है कि कपड़ा मार्केट आज पूरी तरह खुला था, किसी ने भी अपना दुकान बंद नहीं की.

छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कामर्स ने कैट के भारत बंद को असफल बताया है. चेम्बर पदाधिकारियों ने कहा कि इससे साबित हो गया कि चेम्बर के आह्वान के बिना छत्तीसगढ़ में बंद नहीं हो सकता. छग चेम्बर ऑफ कामर्स के प्रवक्ता ललित जैसिंघ, प्रमोद जैन, दिनेश अठवानी ने बयान जारी कर कहा कि बीते 56 वर्षों के इतिहास बताता है कि उनका संगठन ही प्रदेश के व्यापारियों की वास्तविक हितैषी है. चेम्बर सोच समझकर निर्णय लेता है, केवल व्यापारी हित दिखाई पड़ने से बंद जैसे गंभीर निर्णय लेने का फैसला करता है. कैट के बंद के असफल होने का प्रमुख कारण यही है.

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पदाधिकारियों का कहा कि व्यापारियों का अविश्वास केन्द्रीय वित्त मंत्रालय से चेम्बर की गहन चर्चा का दौर जारी है. शीघ्र ही वित्त मंत्री सरलीकरण के मूड में दिखाई पड़ रही है. महंगाई के प्रमुख कारक पेट्रोल व डीजल के दाम जीएसटी के सरलीकरण से कम होने वाले हैं. ट्रांसपोर्ट सस्ते होने से हर वस्तु के दाम कम होंगे, यह चेम्बर का कार्य एवं सोच का परिणाम है.

उन्होंने कहा कि व्यापारी बंद को गलत एवं प्रशासन से चर्चा को सही मानती है. आज सभी व्यापारी एकजुट होकर मातृसंस्था के प्रयास की सराहना कर रहे हैं. बेवजह बंद को व्यापारी, व्यापार का नुकसान समझ रहे हैं. एक उचित निर्णय को मानते हुए आज सम्पूर्ण छग ने व्यापार चालू रखा. यही कैट को चेतावनी भी दी. छत्तीसगढ़ के भोले-भाले व्यापारी कैट को नकारकर छग चेम्बर ऑफ कामर्स के साथ खड़े हैं.

तो किसान आंदोलन में क्यों किया था बंद का आह्वान

भारत बंद को मिले समर्थन पर रायपुर मशीनरी मर्चेंट के अध्यक्ष राजेंद्र जग्गी ने कहा कि पंडरी कपड़ा मार्केट में व्यापारियों ने अपने स्वेच्छा से बंद रखा था. जीएसटी का मामला यदि केंद्र का है तो उन्हें ये मालूम होना चाहिए कि आज भारत बंद का आह्वान था न कि छतीसगढ़ बंद का था. हमने व्यापारियों से विनम्र होकर समर्थन मांगा था अगर उचित लग रहा है तो बंद करिए यदि नहीं लग रहा है तो मत करिए. व्यापारियों ने बंद दुकानों को नहीं खोला था, यही वजह है कि वे लोग बोखला गए थे. जब किसान आन्दोलन में चेंबर ऑफ़ कामर्स ने बंद का आह्वान किया था, तब व्यापारियों के हित की बात नहीं थी. जीएसटी पूरा का पूरा व्यापारियों के हित की बात है तो चुनाव के चलते इन लोगों ने समर्थन नहीं दिया, जिससे व्यापरियों में चेंबर के प्रति रोष है.