रायपुर. छत्तीसगढ़ संत कबीर और गुरू बाबा घासीदास की पवित्र धरती है. हमारे पुरखों ने छत्तीसगढ़ के लिए जो सपना देखा था, उसे मिल-जुलकर साकार करना है. सबके सहयोग से इसे एक विकसित और समृद्ध राज्य बनाना है. यह बात मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गुरुवार रात स्थानीय विप्र भवन में छत्तीसगढ़ी ब्राम्हण समाज द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि की आसंदी से कही.

समारोह में मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ राज्य के प्रणेता डॉ. खूबचंद बघेल, पंडित सुन्दर लाल शर्मा, पूर्व केन्द्रीय मंत्री चंदूलाल चंद्राकर और संत कवि पवन दीवान के योगदान को स्मरण करते हुए कहा कि उनके बताए मार्ग पर चलते हुए छत्तीसगढ़ी ब्राम्हण समाज नेे यहां की संस्कृति और भाषा को समृद्ध बनाने में अमूल्य योगदान दिया है. छत्तीसगढ़ में स्वाभिमान जगाने में भी समाज ने अहम भूमिका निभाई है.

गांवों को ओर डायवर्ट किया 20 हजार करोड़

समारोह की अध्यक्षता कर रहे कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने बताया कि सरकार ने गांवों की ओर लगभग बीस हजार करोड़ रूपए की राशि डायवर्ट किया है. समारोह में छत्तीसगढ़ी ब्राम्हण समाज की ओर से मुख्यमंत्री बघेल, कृषि मंत्री चौबे के अलावा मौजूद विधायक सत्यनारायण शर्मा, विकास उपाध्याय, प्रमोद शर्मा और अनिता शर्मा को शाल, श्रीफल और प्रतीक चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया गया.

समारोह में नगर पालिका निगम रायपुर के महापौर प्रमोद दुबे, पूर्व विधायक महंतराम सुन्दरदास, विधान मिश्रा, छत्तीसगढ़ युवा विकास संगठन के अध्यक्ष ज्ञानेश शर्मा, विप्र सांस्कृतिक भवन प्रबंध समिति के अध्यक्ष नरेन्द्र तिवारी, बाल समाज सोसायटी के अध्यक्ष अनल प्रकाश शुक्ला सहित छत्तीसगढ़ी ब्राम्हण समाज के अनेक पदाधिकारी गणमान्य नागरिक सहित बड़ी संख्या में सामाजिक बंधु उपस्थित थे.