हिंदू धर्म में चारमुखी दीपक का विशेष स्थान है. इसका उद्देश्य चारों दिशाओं (पूर्व, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण) में समान प्रकाश फैला कर सकारात्मक ऊर्जा, शांति और समृद्धि का संचार करना है.

कब जलाया जाता है?
प्रसिद्ध त्योहार जैसे दीपावली, कार्तिक पूर्णिमा, महाशिवरात्रि आदि के पावन अवसरों पर इसे शाम के समय पूजा के दौरान जलाया जाता है. इसके अलावा देवउठनी एकादशी पर विष्णु पूजन के दौरान चारमुखी दीपक जलाने की परंपरा है ताकि घर में सुख-शांति बनी रहे.
क्यों जलाया जाता है?
- चारों दिशाओं में प्रकाश का संचार– यह अमंगल दूर कर सौभाग्य और सकारात्मक वाइब्स लाता है.
- आध्यात्मिक प्रतीक– चारमुखी दीपक ज्ञान, भक्ति, वैराग्य और शक्ति के विकास का संकेत माना जाता है.
- लक्ष्मी‑विष्णु की आराधना– इसे तुलसी, देव, लक्ष्मी‑विष्णु की पूजा में जलाने से देवी‑देवता प्रसन्न होते हैं और घर में खुशहाली आती है.
- गृह प्रवेश व मांगलिक आरंभ– शुभ अवसरों पर चैमुखी दीपक जलाने से वातावरण पवित्र होता है और उन पर शुभ ऊर्जा का प्रभाव बना रहता है.
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