कमल वर्मा, ग्वालियर। रोजगार के लिए भटक रहे युवा अब नौकरी पाने के लिए ठगी का शिकार हो रहे हैं। ऐसा ही एक मामला ग्वालियर से सामने आया है, जिसमे एक बेरोजगार युवक को उसके दोस्त और उसके रिश्तेदार ने मिलकर रेलवे में नौकरी लगवाने के नाम पर धोखाधड़ी का शिकार बना लिया। दोस्त ने अपने रिश्तेदारों के साथ मिलकर बेरोजगार युवक से 15 लाख रुपए लेकर रेलवे के फर्जी दस्तावेज थमा दिए। जब युवक की नौकरी नहीं लगी तब उसने दस्तावेज का सत्यापन कराया तो वे फर्जी निकले।
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धोखाधड़ी का पता चलने पर जब युवक ने अपने रुपए वापस मांगे तो उन्होंने रुपए देने से इंकार कर दिया और जान से मारने की धमकी दी। परेशान होकर युवक ने एसपी ऑफिस पहुचकर अधिकारियों से इस पूरे मामले की शिकायत की। जिसके बाद पुलिस ने पीड़ित की शिकायत पर आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कराने के आदेश दिए है।
दअरसल ग्वालियर के लक्ष्मीगंज का रहने वाला बेरोजगार अनिल पाल यूनिवर्सल मेडिकल पर काम करता था। अनिल पाल और अभिषेक शर्मा के बीच 10 साल की दोस्ती थी, अभिषेक शर्मा डबरा के मगरौरा का रहने वाला है और ग्वालियर के आमखो पर किराए के कमरे में रहकर अपने जीजा पंकज शर्मा के साथ श्याम गंगा मेडिकल पर काम करता है। अभिषेक शर्मा ने अनिल को झांसा दिया कि उसके जीजा की रेलवे में बड़ी पहचान है और वहां उसकी बैक डोर से लिपिक की नौकरी लगवा सकता है। अनिल पाल उसकी बातों में आ गया। उसने करीब ढाई लाख रुपये ऑनलाइन कर दिए।
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अभिषेक शर्मा और उसके जीजा पंकज शर्मा ने विकास यादव, राजेंद्र यादव का हवाला देकर अनिल को भरोसा दिलाया था कि इन लोगों की रेलवे में अच्छी खासी पहचान है। पहले भी कई लोगों को नौकरी लगवा चुके है। अनिल ने अपने परिवार के लोगों से बातचीत की और सौदा 15 लाख रुपए में तय हो गया। यह लोग दिल्ली में अनिल पाल का मेडिकल कराने ले गए वहीं उसे कुछ कागजात दिए गए। इसके बाद अभिषेक शर्मा के घर पर बाकी के करीब साढ़े बारह लाख रुपए भी दे दिए। इस दौरान अभिषेक शर्मा के अलावा नितिन तिवारी, विकास यादव, राजेंद्र यादव और दीपा शर्मा भी मौजूद थी। इन लोगों ने पैसे लेने के बाद अगले दिन अनिल को अपने घर बुलाया जहां दीपा शर्मा ने अनिल को साउथ ईस्टर्न रेलवे का अपॉइंटमेंट लेटर थमा दिया।
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इसके बाद ठगों ने अनिल को घमरिया रेलवे स्टेशन टाटानगर झारखंड में ट्रेनिंग के लिए बुलाया। जहां कमर्शियल क्लर्क ग्रुप सी के विभाग का आईडी कार्ड मेडिकल सर्टिफिकेट उत्तर रेलवे के दस्तावेज ले जाने को बोला गया। दोस्त अभिषेक शर्मा भी अनिल के साथ झारखंड गया था। जहां पूर्व से मौजूद इन लोगों ने उसे एक स्थान पर ट्रेनिंग सेंटर के नाम पर ले गए और एक सप्ताह तक ट्रेनिंग करने के लिए रखा। लेकिन जब अनिल को शक हुआ तो वह लौटकर ग्वालियर रेलवे कार्यालय में पहुंचा और उसने इन दस्तावेजों की सत्यापन कराया तो रेलवे के अधिकारी ने बताया कि यह सभी दस्तावेज फर्जी है।
अधिकारी के मुंह से ऐसी बात सुनकर अनिल के पैरों तले जमीन खिसक गई। उसने ठगों से अपने दिए हुए पैसे वापस मांगे तो आरोपियों ने उसे पैसे वापस करने से इंकार करते हुए जान से मारने की धमकी दे डाली। जिसके बाद परेशान होकर अनिल पाल ने पुलिस अधिकारियों से मिलकर इस मामले में न्याय दिलाने की गुहार लगाई है। वहीं पुलिस अधिकारी ने झांसी रोड थाना प्रभारी को इस पूरे मामले में गहराई से जांच कर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश दिए है।
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