कमल वर्मा, ग्वालियर। जिस तरह इंटरनेट का विस्तार हुआ, ठग और शातिर होते गए। लोगों के खातों में सेंध लगाने के लिए जालसाज अलग-अलग तरीके अपनाने लगे हैं। जैसे ही पुलिस इन साइबर क्राइम (cyber crime) करने वालों पर शिकंजा कसने की तैयारी करते, शातिर अपना तरीका बदल लेते और मासूम लोगों को बहला फुसला कर उनके खाते से लाखों रुपए उड़ा लेते हैं।

ऐसा ही एक मामला ग्वालियर शहर से सामने आया है जहां जालसाज अब ठगी करने के लिए आईपीएस अफसर के नाम का भी सहारा लेने लगे हैं। यहां एक बुजुर्ग के साथ फर्नीचर की डील के नाम पर 50 हजार रुपए की ठगी हुई है। खास बात यह है की ठगी करने वाले जालसाज ने छतरपुर एसपी अमित सांघी की फर्जी आईडी का इस्तेमाल किया। इस आईडी पर एयरफोर्स अधिकारी का इलेक्ट्रोनिक्स व फर्नीचर का सामान अर्जेंट सेल करने की बात लिखी थी। 

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शहर के हरिशंकरपुर में रहने वाले 65 साल के बुजुर्ग राजेश मंगल ने क्राइम ब्रांच थाना में ठगी की FIR दर्ज कराई है। उन्होंने बताया कि उनके साथ सोशल मीडिया प्लेटफार्म फेसबुक पर IPS अमित सांघी (DIG/SP छतरपुर) के नाम से फेक आईडी (Fake ID in the name of IPS Amit Sanghi) बनाकर ठगी की गई है। पीड़ित बताया कि 29 फरवरी को उन्होंने फेसबुक पर IPS अमित सांघी के नाम से बनी आईडी से एक पोस्ट देखी।

पोस्ट में एयरफोर्स अधिकारी राजू दास का इलेक्ट्रॉनिक और फर्नीचर का सामान 50 हजार रुपए में अर्जेंट बेचने का जिक्र था। नीचे एयरफोर्स अधिकारी का मोबाइल नंबर संपर्क के लिए लिखा हुआ था। राजेश मंगल को सौदा फायदे का लगा तो उन्होंने तत्काल संपर्क किया। संपर्क करने के बाद एयरफोर्स अधिकारी बनकर बात करने वाले राजू दास ने व्हाट्सएप पर पूरे सामान के VIDEO व फोटोग्राफ्स भेजे।

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जालसाज ने पीड़ित से कहा कि वह उन्हें पैसे ऑनलाइन ट्रांसफर कर दे इसके बाद वह सामान डिलिवर करा देगा। उन्होंने सामान पसंद आने पर उससे मिलने की बात कही तो  फर्जी एयरफोर्स अधिकारी बने राजू दास ने कहा कि वह आउट ऑफ स्टेशन है।

आपको सामान पसंद है तो ऑनलाइन पेमेंट कर दीजिए और वह एयरफोर्स की गाड़ी में सामान की डिलीवरी करा देंगे। पोस्ट SP छतरपुर अमित सांघी (IPS) के फेसबुक आईडी से शेयर की गई थी तो राजेश मंगल तैयार हो गए। उन्होंने 29 फरवरी दोपहर 12.26 बजे 20 हजार रुपए अपने SBI के अकाउंट से ठग को भेज दिए। इसके कुछ देर बाद 12.41 बजे 30 हजार रुपए और ऑनलाइन ट्रांजेक्शन कर दिए गए। 

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जालसाज के बताए अकाउंट में 50 हजार रुपए पहुंच गए तो उन्होंने राजेश मंगल से कहा कि वह एयरफोर्स की गाड़ी व स्टाफ के साथ सामान उनके निवास पर पहुंचा रहे हैं। साथ ही डिलीवरी बॉय का मोबाइल नंबर भी दिया। इस नंबर पर उन्होंने संपर्क किया तो डिलीवरी बॉय ने बताया कि वह सामान लेकर बस निकल ही रहा है। कुछ देर बाद डिलीवरी बॉय के मोबाइल नंबर से कॉल आया। जिस पर डिलीवरी बॉय ने कहा कि यहां से समान निकालने के लिए GST कैंटीन के 21 हजार 400 रुपए देने पड़ेंगे। यह रिफंडएवल होते हैं। जो वह सामान लेकर आएगा तो दे देगा। जब बार-बार रुपए मांगे जा रहे थे तो राजेश मंगल को कुछ संदेह हुआ। उन्होंने डिलीवरी बॉय से कहा कि उनको दाे घंटे का समय चाहिए रुपए का इंतजाम करने के लिए। 

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इसके बाद वह क्राइम ब्रांच पहुंचे और मामले की शिकायत की। शिकायत करने के बाद फिर डिलीवरी बॉय के नंबर पर कॉल किया तो उसका कहना था कि रुपए देने होंगे तभी सामान उनके घर आ पाएगा और इसके कुछ देर बाद फोन बंद कर लिया। एसएसपी ग्वालियर राजेश सिंह चंदेल ने बताया कि एक आईपीएस के नाम से फेक आईडी बनाकर बुजुर्ग के साथ ठगी हुई है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है।

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