पुरुषोत्तम पात्र, गरियाबन्द। देवभोग मैनपुर इलाके में दिसम्बर से एक गिरोह सक्रिय है, जो भोले-भाले लोगो को योजना की आधी रकम देने का झांसा देकर उनके आधार व बैंक खाते का जमकर दुरुपयोग कर रहा है. जिले के भूमिहीन लोगों को जांजगीर-चाम्पा जिले का किसान बताकर पीएम किसान निधि योजना में पंजीयन करा दिया गया. यही नहीं उनके खाते में योजना की राशि भी पहुंच रही है.

दिसम्बर माह से इलाके में पीएम मोदी के 12 हजार सालाना मिलने वाली योजना का जमकर हल्ला होने लगा. सक्रिय एजेंट इसके लिए भूमिहीन किसानों से आधार कार्ड व पास बुक भर मांग रहे हैं. योजना में शामिल करने 300 रुपए का प्रोसेस शुल्क लिया जा रहा है, यह भी शर्त रखा गया है कि योजना के तहत खाते में आने वाली रकम का आधा-आधा किया जाएगा. बगैर नाम की इस योजना में शामिल किये गए. 300 से भी ज्यादा लोगों के नाम सामने आया. पड़ताल में पता चला कि ये गरियाबन्द जिले के भूमिहीन लोग हैं, जिन्हें जांजगीर-चाम्पा का किसान बता कर पीएम किसान निधि योजना में जोड़ दिया गया है.

हालांकि, इस योजना के तहत सालाना 6 हजार ही मिलना है. योजना की पहली किश्त के रुपये यंहा के कुछ लोगो के खाते में आ रहे हैं।एजेंट के तौर पर काम कर रहे कुछ युवा लोग इस काम मे संलिप्त हैं. मामले में योजना के जिला नोडल अधिकारी कृषि उप संचालक एफआर कश्यप ने कहा कि ऐसी गड़बड़ी की कोई जानकारी नहीं है, बगैर रकबा-खसरा के योजना में शामिल हो पाना सम्भव नहीं है, अगर वहां का किसान बताया गया है, तो विभागीय ऑपरेटर के मिलीभगत के बिना सम्भव नहीं है. मामले से कलेक्टर को अवगत करा कर कार्रवाई के लिए उचित मार्गदर्शन लिया जाएगा.

मामले में जांजगीर के डीडीए एमआर तिग्गा ने कहा कि इस तरह का प्रकरण नहीं हो सकता. किसान कहीं के सीएससी से पंजीयन करा सकता है. भुइंया पोर्टल में रकबा, खसरा भी कहीं से देखा जा सकता है. आधार भी दूसरी जगह से बनवाया जा सकता है, इसलिए यह जरूरी नहीं कि किसान दूसरे जिले का हो और उसका पंजीयन हमारे जिले से किया गया हो, लेकिन वह जमीन वहीं की बताएगा जहां वह काबिज होगा. फिर भी ऐसा कुछ है तो उसे दिखवा लेंगे.

पीएम किसान निधि पोर्टल से पचा चली गड़बड़ी

योजना की पड़ताल करते करने पर देवभोग व मैनपुर ब्लॉक के मटिया के 73, एनासर के 56, ढ़ेप गुड़ा के 48 समेत नुआगाँव, भेजीपदर, मैनपुर कला, गौरघाट, चिचिया, कुम्हाडाई खुर्द, तेतलखूंटी, कुर्मिबासा धवलुपरडीह के 300 लोगों के नाम का पता चला. इनके आधार नम्बर को जब पीएम किसान निधि के पोर्टल में डाला गया तो इन्हें जांजगीर चाम्पा जिले के अंडी, ओदेकेरा, बड़ा डभरा, आमाकोनी, कन्दरा घटादेही, कंडरा, दहिकोनी, जरवे, कुटेरा, जैसे 30 से भी ज्यादा गांव का किसान बताया गया है. बाकायदा इनके पंजीयन में उक्त गांव के खसरा व रकबा का भी जिक्र है. इनमें से 200 से ज्यादा लोगों की किसान निधि का पहला किश्त भी आ चुकी है.

खाता ब्लॉक होनेके डर से एजेंट का नाम नहीं बता रहे

देवभोग ब्लॉक के कुम्हड़ी खुर्द के अलग अलग मोहल्ले के निवासी जलन्धर को जांजगीर चाम्पा के कण्डरा, घसिया यादव को जरवे, चेयमनी को दहिकोना, सेंदुका को घटादेहि, भूषण व कोकिला को अकलसरा, डोमेन बाई को कुटेरा का किसान बताया गया है. पीएम किसान निधि पोर्टल में इनका पंजीयन 10 जनवरी को हुआ है. इन सब को पहली किश्त के रूप में 2-2 हजार रुपए मिल चुका है. किसान एजेंट का नाम नहीं बता रहे हैं. उन्हें कहा गया है कि अगर वो नाम का खुलासा किये तो उनका खाता हमेशा के लिए बन्द कर दिया जाएगा. इनमें से किसी भी किसान के पास कृषि भूमि नहीं है, सभी मजदूरी करने वाले हैं.