चेन्नई। एक दिमागी तौर मृत (Brain Dead) व्यक्ति की वजह से तीन लोगों को नया जीवन मिला. इसमेंएक कोविड-019 संक्रमित व्यक्ति में जहां नया फेफडा प्रत्यारोपित किया गया, वहीं दूसरे व्यक्ति तो दिन और मुंबई की एक युवती को नया हाथ मिला.

34 वर्षीय युवक को गुरुवार को ब्रेन हेमरेज की वजह से चेन्नई के ग्लेनइगल्स ग्लोबल हॉस्पिटल में लाया गया था, जिसे डॉक्टरों ने जांच के बाद ब्रेन डेड घोषित कर दिया. इसके बाद मृतक की पत्नी की अंगदान की सहमति के बाद उसका फेफड़ा, दिल, लीवर और त्वचा अलग-अलग अस्पतालों को प्रत्यारोपण के लिए दे दिया गया.

मृतक के फेफड़ों का चेन्नई के एमजीएम अस्पताल में एक 48 वर्षीय कोविड-19 से ग्रसित व्यक्ति में प्रत्यारोपण किया गया. इसे एशिया में पहली बार फेफड़ों का प्रत्यारोपण बताया जा रहा है. डॉक्टरों के अनुसार, दिल्ली निवासी कोविड-19 ग्रसित मरीज का फेफड़ा वायरल की वजह से बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था. फेफड़े के एक छोटे हिस्से के सही होने की वजह से आदमी की जान बची हुई थी.

8 जून को कोरोना से संक्रमित होने के बाद फेफड़े के प्रभावित होने से वह 20 जून से वेंटिलेटर पर था. स्थिति बिगड़ने के बाद उसे गाजियाबाद से 20 जुलाई को एमजीएम अस्पताल में एयरलिफ्ट किया गया था. एमडीएम अस्पताल के कार्डियक साइंस विभाग के चेयरमैन और डायरेक्टर डॉ. केआर बालकृष्णन ने बताया कि हमारे डॉक्टर और अन्य स्टाफ ने चुनौती को स्वीकार करते हुए बिना अपने स्वास्थ्य की परवाह किए प्रत्यारोपण की कार्रवाई पूरी की. प्रत्यारोपण के बाद फेफड़े सही तरीके से काम कर रहे हैं.

वहीं ब्रेन डेड व्यक्ति के हाथ को प्रत्यार्पण के लिए मुंबई एयरलिफ्ट किया गया, जहां 12 जनवरी 2014 को ट्रेन एक्सीडेंट में हाथ गंवाने वाली मोनिका मोरे को लगाया जाएगा, जो अब तक कृत्रिम हाथ के भरोसे है. युवती को कृत्रिम हाथ लगाने में भाजपा नेता किरीट सोमैया ने अपने स्वसेवी संस्था की ओर से मदद की थी.