रायपुर। कुछ लोगों की जिंदगी भले ही चंद दिनों में खत्म हो गई हो, लेकिन उनके द्वारा किए गए समाजहित के काम हमेशा के लिए उन्हें अमर बना देते हैं. ऐसा ही बहादुरी भरा काम छत्तीगसढ़ के बलौदाबाजार के साहसी और होनहार स्व. चेतन कुमार निषाद ने किया है. अब भले ही वो हमारे बीच न हो, लेकिन उनके द्वारा पेश की गई मिसाल हमेशा के लिए लोगों को याद रहेगी. स्व. चेतन कुमार निषाद को भारत सरकार द्वारा मरणोपरान्त सर्वोत्तम जीवन रक्षा पदक से पुरुस्कृत किया है.

इस अवसर पर प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के मास्टर चेतन निषाद की बहादुरी की तारीफ की है.  उन्होंने कहा – छोटी सी उम्र में मास्टर चेतन ने वीरता की मिसाल प्रस्तुत की है. यह छत्तीसगढ़ के लिए गौरव का विषय है.  मास्टर चेतन का यह साहस प्रदेश के अन्य बच्चों को हमेशा बहादुरी के लिए प्रेरित करेगा.

जानकारी के मुताबिक छोटी सी उम्र में मास्टर चेतन निषाद ने अगस्त 2017 में भाटापारा के कोदवा के 16 वर्षीय चेतन निषाद ने शिवनाथ नदी पर बने कोनी एनीकट में डूबने से 10 साल के टेकराम की जान तो बचा ली लेकिन शिवनाथ के भंवर में अपनी जिंदगी हार गए. भारत सरकार ने चेतन के इस अदम्य साहस के लिए उन्हें सर्वोत्तम जीवन रक्षा पदक से सम्मानित किया है.  जिला मुख्यालय बलौदाबाजार में कल कलेक्टर कार्तिकेया गोयल ने मास्टर चेतन के माता-पिता शिव कुमार निषाद और धन बाई को भारत सरकार के सर्वोत्तम जीवन रक्षा पदक प्रदान किया.