रायपुर। बच्चों में प्रारंभ से ही संवैधानिक मूल्यों को विकसित करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्कूलों में संविधान की प्रस्तावना का वाचन कराए जाने का निर्णय लिया गया है. इस निर्णय के पीछे शासकीय उमा विद्यालय छछान पैरी के व्याख्याता ललित साहू का अहम योगदान है, जिन्होंने इस दिशा में पहल करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ शिक्षा मंत्री को सुझाव दिया था.
ग्राम छछान पैरी के शासकीय उमा स्कूल में सत्र के प्रारंभ से ही संविधान के उद्देशिका का वाचन किया जा रहा है. व्याख्याता ललित साहू ने स्कूल में सत्र के प्रारंभ से ही संविधान के उद्देश्य का वाचन नियमित रूप से कराने सकारात्मक माहौल बनाया. उनके प्रयासों का ही नतीजा है कि स्कूल के बच्चों को प्रस्तावना के मूल शब्दों जैसे सम्प्रभुता, धर्मनिरपेक्ष गणराज्य का अर्थ सही मायनों में मालूम है. बच्चों को प्रस्तावना कंठस्थ याद है, और प्रार्थना के दौरान ही इसका प्रतिदिन वाचन किया जाता है.
व्याख्याता ललित साहू ने कहा कि बच्चों में यदि प्रारंभ से ही संवैधानिक मूल्य, बराबरी और समरसता का पाठ पढ़ाया जाए तो एक अच्छे और समतामूलक समाज के निर्माण में यह काफी महत्वपूर्ण होगा. उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह निर्णय राज्य के बच्चों में संवैधानिक मूल्यों के साथ अधिकार तथा कर्तव्य को समझने में और इसे जीवन में उतारने में कारगर सिद्ध होगा. स्कूल के छात्र-छात्राओं के साथ अध्यापक भी मुख्यमंत्री के फैसले से अपने आप को गौरान्वित महसूस कर रहे हैं.
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