लखनऊ. धर्मांतरण मामले के मास्टरमाइंड जमालुद्दीन उर्फ छांगुर और उसकी सहयोगी नसरीन को मेडिकल जांच के बाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से ले जाया गया. इस बीच जमालुद्दीन उर्फ छांगुर ने मीडिया से कहा कि ‘हम बेकसूर हैं, हम कुछ नहीं जानते’.
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बता दें कि जमालुद्दीन उर्फ छांगुर की मदद में अफसरों की संदिग्ध भूमिका को लेकर भी एजेंसियों जांच शुरू कर दी है. एटीएस और एसटीएफ की जांच के दायरे में अब कुछ प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी भी आ गए हैं. जमालुद्दीन उर्फ छांगुर से पूछताछ के दौरान चार अफसरों के नाम सामने आए हैं, जो वर्ष 2019 से 2024 के बीच बलरामपुर में तैनात रहे थे. इनमें एक एडीएम, दो सीओ और एक इंस्पेक्टर शामिल हैं.
एसटीएफ की गोपनीय जांच में इन अफसरों की भूमिका संदिग्ध पाई गई है. छांगुर की रिमांड के दौरान यह जानकारी सामने आई कि ये अधिकारी उसके इशारे पर कार्य करने को तैयार रहते थे. हालांकि यह भी जांच का विषय है कि छांगुर ने इन नामों को जानबूझकर फंसाने की नीयत से लिया, या फिर वास्तव में उनकी कोई भूमिका रही है.
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हिंदुओं के धर्मांतरण का ‘मास्टर’ प्लान
छांगुर बाबा पूछताछ में बता चुका है कि वह हिंदू परिवार का धर्मांतरण कराने के लिए उसकी सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन और नवीन उर्फ जमालुद्दीन के नाम का सहारा लेता था. वह लोगों को बताता था कि ये दोनों पहले सिंधी थे. इस्लाम कबूल करने के बाद दोनों की जिंदगी पूरी तरीके से बदल गई है. पैसे, मंहगी कार, कोठी सब हैं इन दोनों के पास. शुरुआती जांच में 100 करोड़ की फंडिग की बात सामने आई थी. जिसके बाद से छांगुर बाबा के खिलाफ ईडी की कार्रवाई तेज हो गई है. छांगुर के सहयोगी नवीन उर्फ जमालुद्दीन के 7 बैंक खातों की जानकारी ईडी को मिली है. आगे और कई बड़े खुलासे होने के आसार हैं.
जाति के आधार पर रेट तय
अलग-अलग जाति और धर्म की लड़कियों का धर्म परिवर्तन कराने पर गिरोह को लाखों रुपये मिलते थे. जैसे ब्राह्मण, सरदार और क्षत्रिय लड़कियों को 15 से 16 लाख रुपये दिए जाते थे. पिछड़ी जाति की लड़कियों को 10 से 12 लाख रुपये और अन्य जाति की लड़कियों को 8 से 10 लाख रुपये दिए जाते थे. छांगुर बाबा बलरामपुर के रेहरा माफी गांव का रहने वाला है. एटीएस ने उसे ग्राम मधपुर से गिरफ्तार किया है.
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लड़कियों से करीबी बढ़ाते थे, फिर…
गिरोह के लोग पहले लड़कियों से करीबी बढ़ाते थे, फिर उन्हें प्रेमजाल में फंसाकर छांगुर बाबा की दरगाह ले जाकर इस्लाम धर्म कबूल कराते थे. इसके बाद युवती का नाम बदल दिया जाता था. गिरोह के सदस्यों ने 40 से ज्यादा बार इस्लामिक देशों की यात्रा की है. 100 करोड़ रुपये से भी ज्यादा का लेन-देन 40 से ज्यादा बैंक खातों में हुआ है. इस मामले में महबूब जलालुद्दीन (छांगुर बाबा) के बेटे को गिरफ्तार किया जा चुका है. दोनों फिलहाल लखनऊ जेल में बंद हैं.
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