रणधीर परमार, छतरपुर। मध्य प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में चूहों का आतंक बरकरार है। इंदौर में दो बच्चों की मौत के बाद भी हालात सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं। इसी कड़ी में छतरपुर जिला अस्पताल में मासूम तो बच गए लेकिन रिकॉर्ड रूम में रखे दस्तावेजों को चूहे कतर गए। सिविल सर्जन ने उन्हें पकड़ने के लिए टेंडर जारी कर दिया है, जिसके लिए कल से काम शुरू कर दिया जाएगा।

इंदौर के MY अस्पताल में चूहाकांड के बाद से हर सरकारी अस्पताल में दहशत का माहौल है। छतरपुर जिला हॉस्पिटल के प्रसूता वार्ड में महिलाओं में ऐसा खौफ है कि हर समय अपने बच्चों को आंचल में छुपाकर रखना पड़ता है। इसकी तस्वीर और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिसमें बच्चों की दवा के लिए रखी अलमारी में चूहे मंडरा रहे हैं।

चूहों से अस्पताल के डॉक्टर भी परेशान हैं। उनका काम करना भी मुश्किल हो गया है। बता दें कि डेढ़ साल पहले जिला अस्पताल प्रबंधन ने डेढ़ लाख रुपए में चूहा भगाने मारने का ठेका दिया था। ठेका कंपनी ने दवा के छिड़काव से कितने चूहे भागे या मारे गए इसका कोई रिकॉर्ड नहीं है। 

हालांकि अब ठेके की अवधि समाप्त हो चुकी है। लेकिन सिविल सर्जन शरद चौरसिया ने टेंडर को दोबारा जारी करके और चूहों को पकड़ने के लिए कल से ही सख्त निर्देश दिए हैं।

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