रणधीर परमार, छतरपुर। मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले स्थित बागेश्वर धाम में 5 दिवसीय महायज्ञ और सवा लाख हनुमान चालीसा का जाप चल रहा है। जिसमें 201 पंडित जाप जारी है. साथ मंगलवार को 3 लाख से ज्यादा श्रद्धालु बागेश्वर धाम पहुंचे। 5 और 6 अप्रैल को हनुमान जयंती के अवसर पर भव्य संत समागम किया जाएगा। जिसमें देश भर से तपस्वी कथा वाचक शामिल होंगे और राम चरितमानस ग्रंथ के साथ-साथ भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने की रूपरेखा भी बनाई जाएगी।

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बागेश्वर धाम की विशेषता

बागेश्वर धाम सरकार नाम से विख्यात धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री एक कथावाचक हैं। धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री को हनुमान जी का अवतार माना जाता है। छतरपुर जिले में पड़ने वाले प्रसिद्ध धार्मिक तीर्थ स्थल बागेश्वर धाम सरकार के पीठाधीश्वर और पुजारी हैं। उनके धाम में देश के कोने-कोने से कई श्रद्धालु उनके दर्शन के लिए और अपनी अर्जी लगाते हैं। माना जाता है कि जो भी व्यक्ति अपनी अर्जी बागेश्वर धाम में लगाता है बाबा उनकी सभी समस्याओं को एक कागज में लिखकर उसका उपाय बताते हैं। कई लोग इसे उनका चमत्कार मानते हैं तो कई लोग इसे मात्र अन्धविश्वास।

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एफआईआर दर्ज करने की मांग

पं.धीरेंद्र शास्त्री आए दिन अपने विवादित बयानों से जो लोगों के बीच चर्चाओं में बने रहते हैं। इन्होंने पिछले दिनों साईं बाबा को लेकर एक बड़ा बयान दिया था, जिससे महाराष्ट्र की सियासत गरमा गई है। जबलपुर के पनागर में धीरेंद्र शास्त्री ने कहा था कि साईं बाबा संत हो सकते हैं, फकीर हो सकते हैं पर भगवान नहीं हो सकते। लोगों की अपनी अपनी निजी आस्था है और किसी की आस्था को हम ठेस नहीं पहुंचा सकते इतना कह सकते हैं। इस बयान को लेकर उद्धव बालासाहेब ठाकरे की युवा सेना ने एफआईआर दर्ज करने की मांग की है।

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बागेश्वर धाम का इतिहास क्या है

छतरपुर के पास एक जगह गढ़ा है, यहीं पर बागेश्वर धाम है। यहां बालाजी हनुमान जी का मंदिर है। प्रत्येक मंगलवार को बालाजी हनुमान जी के दर्शन के लिए भारी भीड़ उमड़ती है। धीरे-धीरे लोग इस दरबार को बागेश्वर धाम सरकार के नाम से पुकारने लगे। यह मंदिर सैकड़ों वर्ष पुराना बताया जाता है। 1986 में इस मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया। 1987 के आसपास एक संत बाबा जी सेतु लाल जी महाराज यहां आए। उन्हें भगवान दास जी महाराज के नाम से भी जाना जाता था। धाम के वर्तमान प्रमुख पंडित धीरेंद्र शास्त्री, भगवान दास जी महाराज के पोते हैं। इसके बाद 1989 के समय बाबा जी द्वारा बागेश्वर धाम में एक विशाल महायज्ञ का आयोजन किया गया। 2012 में बागेश्वर धाम की सिद्ध पीठ पर श्रद्धालुओं की समस्याओं के निवारण के लिए दरबार का शुभारंभ हुआ। इसके बाद धीरे-धीरे बागेश्वर धाम के भक्त इस दरबार से जुड़ने लगे। दावा होता है कि यहां आने वाले लोगों की समस्याओं का निवारण किया जाता है।

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