पटना। बिहार में चार दिन तक चलने वाले लोक आस्था के महापर्व, छठ पूजा की शुरुआत शनिवार से हो गई है। पहले दिन ‘नहाय-खाय’ के साथ श्रद्धालु व्रत का प्रारंभ करते हैं। इस अवसर पर पटना, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, बेगूसराय समेत राज्य के कई हिस्सों में नदियों के किनारे व्रतियों और श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिली। छठ व्रती आज गंगा स्नान कर भगवान सूर्य देव की पूजा-अर्चना के साथ व्रत का पहला दिन मनाते हैं। लोग घाटों पर ही प्रसाद बनाकर भोजन ग्रहण कर रहे हैं, जबकि कई श्रद्धालु घर जाकर गंगाजल लेकर प्रसाद तैयार करेंगे। इस पर्व की खासियत यही है कि इसमें हर व्यक्ति पारिवारिक और सामाजिक भावना से जुड़ा महसूस करता है। पटना में गंगा स्नान करने आई छठ व्रती लोगों ने बताया यह केवल एक पर्व नहीं है, यह हमारी भावना और आस्था का प्रतीक है। छठ पूजा में परिवार के सभी सदस्य एक साथ जुटते हैं यही इसे विशेष बनाता है।
पूरे प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दीं
इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व ट्विटर) पर दिवंगत लोकगायिका शारदा सिन्हा का छठ गीत साझा कर पूरे प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने अपने संदेश में लिखा कि उन्हें कल ही बेगूसराय का दौरा करने का अवसर मिला था। उन्होंने कहा कि बिहार की कोकिला शारदा सिन्हा और राज्य के कई लोक कलाकारों ने अपने गीतों के माध्यम से छठ महापर्व को एक अलग भाव और पहचान दी है।
अद्भुत संगम महसूस किया जा सकता है
पीएम मोदी ने आगे कहा, छठ महापर्व आस्था, उपासना और प्रकृति प्रेम का अनूठा संगम है। इस पर्व में सूर्य के अस्ताचल और उदय दोनों समय अर्घ्य दिया जाता है। साथ ही प्रसाद में भी प्रकृति के रंग और विविधता झलकती है। छठ पूजा के गीत और धुनों में भक्ति और प्रकृति का अद्भुत संगम महसूस किया जा सकता है।
सुनकर हर कोई मंत्रमुग्ध हो जाएगा
प्रधानमंत्री ने शारदा सिन्हा के गीत साझा करते हुए कहा कि आज वह सभी के साथ छठी मइया के ऐसे गीत साझा कर रहे हैं, जिन्हें सुनकर हर कोई मंत्रमुग्ध हो जाएगा। उनका यह संदेश छठ के प्रति लोगों की भावनाओं और आस्था को और भी सजीव बनाता है।
परंपरा का जीवंत रूप प्रस्तुत करता है
छठ पूजा का यह पर्व न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह सामाजिक और सांस्कृतिक पहचान का भी प्रतीक है। व्रती नहाय-खाय से लेकर अर्घ्य देने और प्रसाद वितरण तक हर क्रिया में श्रद्धालुओं की आस्था और एकता झलकती है। घाटों पर जुटी भीड़, गंगा स्नान और सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करने का क्रम बिहार की लोक संस्कृति और परंपरा का जीवंत रूप प्रस्तुत करता है।
रंगीन और भावपूर्ण बना दिया है
इस तरह छठ महापर्व राज्य में केवल पूजा का अवसर नहीं, बल्कि लोगों के जीवन में उत्साह, भक्ति और एकता की भावना का संचार करने वाला पर्व है। शारदा सिन्हा जैसे कलाकारों के गीतों ने इसे और भी रंगीन और भावपूर्ण बना दिया है, जिससे हर वर्ष यह पर्व लोगों के दिलों में गहरी छाप छोड़ता है।
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