सुप्रिया पाण्डेय, रायपुर। छठ पर्व की शुरुआत हो चुकी है. आज शाम में डूबते सूर्य को व्रत करने वाली महिलाएं अर्घ्य देंगी. राजधानी रायपुर सहित प्रदेश में छठ पर्व को लेकक विशेष तैयारियाँ की गई है. कोरोना संक्रमण के मद्देनज़र दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं. इस बार नदी-तालाबों के तटों पर सुरक्षा के व्यापक इंतज़ाम किए गए हैं. शुक्रवार शाम को व्रती डूबते सूर्य को अर्घ्य देंगे और उषा अर्घ्य 21 नवंबर को होगा. छठ पर्व में डूबते सूर्य और उगते सूरज की पूजा की जाती है. भगवान सूर्य और उनकी बहन छठी मइया को समर्पित है यह त्योहार.
छठ पर्व पर राज्यपाल अनुसुईया उइके ने बधाई देते हुए कहा कि सूर्य उपासना व लोक आस्था के महापर्व ‘छठ पूजा’ के पावन अवसर पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं।
वहीं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने शुभकामना संदेश में कहा है कि छठ पूजा सूर्य और छठी मइया की उपासना का पर्व है. इस पर्व में माताओं और बहनों द्वारा कठिन तपस्या कर परिवार की बेहतरी और सुख-समृृद्धि के लिए नदी, तालाब के किनारे सूर्य को अर्ध्य देकर मंगल कामना की जाती है. भारत के विभिन्न प्रदेशों के समान छत्तीसगढ़ में भी बड़ी संख्या में लोग छठ पूजा करते हैं.
उन्होंने कहा कि लोगों की धार्मिक आस्था और भावना का सम्मान करते हुए बिहार के बाद छत्तीसगढ़ में छठ पूजा के दिन सामान्य अवकाश घोषित किया गया है. सूर्य जीवन ऊर्जा का स्रोत और आधार है. छठ पूजा सूर्य देव के प्रति कृतज्ञता और आभार प्रकट करने का पर्व हैं. यह पर्व भाईचारा, सामुदायिक सौहार्द लाने के साथ-साथ लोगों को प्रकृति के करीब लाता है. उन्होंने कहा कि कोराना संकट अभी टला नहीं है. कोरोना संक्रमण के दौर में पूजा के साथ अपनों की सुरक्षा का भी ध्यान रखें. उन्होंने अपील की है कि सभी लोग छठ पूजा के दौरान कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए जारी दिशानिर्देशों का कड़ाई से पालन करें.