सुरेन्द्र जैन, धरसीवां. औद्योगिक क्षेत्र उरला-सिलतरा की फैक्ट्रियों के प्रदूषण से ग्रामीणों का हाल-बेहाल है. यहां की कंपनियां जहर उगल रही है. बड़े-बड़े प्लांटों की चिमनियां दिनभर रुक-रुककर काला जहरीला धुंआ छोड़ती रहती हैं, जिससे लोगों की मुश्किलें बढ़ गई है.


वहीं, फैक्ट्रियों का जहर हवे के साथ सांकरा, सिलतरा, निमोरा और सोंडरा के तालाबों के पानी के ऊपर ओर रहवासियों की छतों पर काली परत के रूप में जमा रहता है. बढ़ते प्रदूषण के कारण ग्रामीणों का जीना दुभर हो गया है, लेकिन प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को यह सब शायद दिखाई ही नहीं दे रहा है.


ग्रामीणों का कहना है कि, प्लांट के धुंए से काफी दिक्कतें हो रही हैं. इतना ही नहीं इस जहरीले धुंए के कारण कई लोग बीमारी की चपेट में भी आ रहे हैं. हालांकि इनकी समस्या की ओर ना ही प्रशासन और ना ही प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ध्यान दे रहा है.