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रायपुर। तीनों कृषि कानून के विरोध में किसानों ने शनिवार को 3 घंटे का देशव्यापी चक्का जाम किया, जो अब खत्म हो गया है. छत्तीसगढ़ के कई जिलों में चक्का जाम किया गया, जिसका असर भी देखने को मिला. प्रदेश भर में 12 से 3 बजे तक सड़क जाम किया गया. इस दौरान कुछ अनहोनी न हो, इसके लिए सुरक्षा बल के जवानों को भी तैनात किया गया था. नेशनल हाइवे जाम होने की वजह से आम लोगों के साथ ही स्कूली बस और एंबुलेंस भी जाम में फंस गए. जिससे उनको परेशानियों का सामने करना पड़ा.

कृषि कानून के विरोध में रायपुर बॉरियाखुरद, रसनी, संतोषी नगर के साथ ही भिलाई, राजहरा, बिलासपुर, रायगढ़, कोरबा, सरगुजा सहित सैकड़ों स्थानों पर दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक छत्तीसगढ़ में भी चक्का जाम किया गया. इसमें किसानों के अलावा ट्रेड यूनियन, जनसंगठन और नागरिक संगठन के साथ ही रागकर्म,, कला, साहित्य से जुड़े हुए संगठनों के कार्यकर्ता भी बड़ी संख्या में शिरकत किए. सीटू के राज्य सचिव धर्मराज महापात्र ने उक्त जानकारी देते हुए कहा कि रायपुर में पुराने धमतरी रोड में बोरियाखूर्द में दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक चक्का जाम किया गया. यहां रंगकर्मियों ने जनगीत गए, प्रदर्शन व सभा की. वक्ताओं ने कहा कि मोदी सरकार के दमन के आगे देश के किसान झुकेंगे नहीं, बल्कि इससे यह आन्दोलन और तेज होगा. आज देश भर में सरकार के तमाम हथकंडों के बाद भी देश केंगर कोने में किसान के साथ एकता के लिए चक्का जाम में जनता की जबरदस्त भागीदारी इसी का ऐलान है.

वक्ताओं ने कहा कि मोदी सरकार विदेशी व घरेलू कारपोरेट को किसानों की जमीन व बाजार सौंपने की अपनी योजना के लिए किसानों के खिलाफ ही ‘युद्ध’ छेड़ दिया है. केन्द्र सरकार निम्न स्तर पर पहुंच गई है. वह पुराने जमाने की तरह अपने ‘किले’ की रक्षा करने खिले, कांटे, दीवार लगाकर किसान को रोकने का कुचक्र, चला रही है. पूरे देश में किसान आंदोलन को बदनाम करने के उनके हथकंडों के खिलाफ इसलिए देश के लोगों में जबरदस्त गुस्सा है.

राजधानी रायपुर के संतोषी नगर-टिकरापारा राष्ट्रीय राजमार्ग में किसानों और कांग्रेस नेताओं ने चक्काजाम कर विरोध प्रदर्शन किया. इसके अलावा रायपुर-बलौदाबाजार मुख्य मार्ग में सारागांव के पास बड़ी संख्या में किसानों ने प्रदर्शन कर चक्काजाम किया. इस दौरान गाड़ियों की लंबी लाइन लग गई थी. यहां घंटो तक प्रदर्शनकारी सड़क पर बैठकर नारेबाजी करते रहे.

छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ के नेतृत्व में आरंग के रसनी स्थित पुराना टोल प्लाजा में नेशनल हाइवे-53 पर चक्काजाम किया. इस दौरान मुंबई-कोलकाता मार्ग पर आवागमन 3 घंटे तक बाधित रहा है. एम्बुलेंस को छोड़कर सभी प्रकार के वाहनों को चक्काजाम के दौरान रोका गया. प्रदेशभर में हुए चक्काजाम को कांग्रेस ने अपना समर्थन दिया था. चक्काजाम शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ. इस दौरान कोई अप्रिय घटना न हो इसके लिए भारी पुलिस बल तैनात किया गया था.

महासंघ के संयोजक पारसनाथ साहू ने बताया कि चक्काजाम शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ. इसमें आसपास के किसानों के अलावा कांग्रेस पार्टी का भी सहयोग रहा. दिल्ली में आंदोलन कर रहे किसान भाइयों को हमारा पूर्ण समर्थन है. किसी एक राज्य तक ही यह आंदोलन सीमित नहीं है. इसीलिए आज यह चक्काजाम किया गया है. जब तक केंद्र सरकार अपना किसान विरोधी कानून वापस नहीं लेता, तब तक किसान दिल्ली से नहीं हटेंगे. छत्तीसगढ़ में जिस प्रकार चक्काजाम को समर्थन मिला है, उससे पता चलता है कि यहां के किसान भी केंद्र सरकार के कृषि कानून के विरोध में है.

महासमुंद जिले के पिथौरा ब्लॉंक के साकरा में सैकड़ों किसानों ने हाइवे जाम कर दिया. दिल्ली में आंदोलनरत किसानों के आह्वान पर उनके समर्थन में राष्ट्रीय राजमार्ग सांकरा के NH-53 को जाम किया गया. किसानों के चक्का किए जाने से सैकड़ों वाहनों के पहिले थम गए. बेमेतरा जिले में भी चक्का जाम का असर देखने को मिला. पुराना बस स्टैंड के पास किसानों ने चक्का जाम किया. इस चक्का जाम में आम जनता के साथ ही 102 और 108 वाहनों को भी निकलने में परेशानी हुई. किसान ट्रैक्टर से सड़क को जाम कर वही बैठ गए.

राजनांदगांव जिले में भी किसान आंदोलन के समर्थन में पार्री नाला के पास सर्व किसान मोर्चा और काग्रेस ने मिलकर नेशनल हाईवे में चक्काजाम किया. करीब 2 घंटे तक चले चक्का जाम में स्कूल बस और एंबुलेंस भी फंसी रही. एक किमी तक जाम लगा रहा. सीएसपी चंद्रा ने कहा कि चक्का जाम की वजह से रोड डायवर्ट कर दिया गया था. फिर भी जाम की वजह से स्कूल बस और एंबुलेंस भी रोड के जाम में फंस गए.

किसान नेता सुदेश टीकम ने कहा कि तीन काले कानून की वापसी समर्थन में लगातार देश में आंदोलन चल रहा है. पिछले 73 दिनों से आंदोलन दिल्ली में चल रहा है. अभी तक 150 से अधिक किसान शहीद हो चुके हैं, लेकिन यह मोदी सरकार की आंखों में दिख नहीं रहा है. हम शहीदों को नमन करते है और संकल्प लेते हैं कि जब तक यह किसान विरोधी 3 कानून खत्म नहीं करते और समर्थन मूल्य गारंटी पास नहीं करेंगे, तब तक हम यह कुर्बानी देते रहेंगे.

बस्तर के केशलूर जंक्शन नेशनल हाइवे में भी किसानों के समर्थन में बस्तर कांग्रेस कमेटी ने चक्काजाम किया. हालांकि कांग्रेस ने इस चक्का जाम को शांतिपूर्ण तरीके से करने की बात कही है. बस्तर के ब्लॉक स्तर पर भी यह चक्का जाम किया जा रहा है. केशलूर में कांग्रेस के द्वारा बड़े स्तर पर चक्का जाम किया जा रहा है. इधर कांग्रेस के चक्का जाम से गाड़ियों की लंबी कतार लग गई. वही बड़ी संख्या में पुलिस बल भी तैनात किए गए हैं.

कांग्रेसियों का कहना है कि केंद्र सरकार किसानों के साथ अन्याय कर रही है. तीनों कृषि कानून की वापसी और समर्थन मूल्य में खरीदी को कानूनी गारंटी देने की मांग पर दिल्ली सहित पूरे भारत के किसान आंदोलनरत हैं. कड़कड़ाती ठंड में किसान दिल्ली पर डटे हुए हैं. वहीं केंद्र सरकार लगातार अन्नदाताओं को आतंकवादी और खालिस्तानी बता रही हैं. अब किसान आंदोलन जन आंदोलन का रूप ले चुका है. अपने हक की लड़ाई के लिए बस्तर में भी गांव-गांव के किसान, मजदूर, युवा और महिलाएं बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही हैं.

सरगुजा में कांग्रेसियों ने किसानों के साथ सड़क पर बैठकर 3 घंटे चक्काजाम किया और कृषि कानून को लेकर विरोध जताया. किसानों के साथ चक्काजाम पर बैठी सरगुजा जिला पंचायत की अध्यक्ष मधु सिंह ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री किसानों के साथ अन्याय कर रहे हैं. जिसके विरोध में अंबिकापुर में चक्काजाम किया गया है. देश के किसान जो भी निर्णय लेंगे हम उनके साथ हैं. इस लड़ाई में हमें जिस हद तक जाना पड़े हम जाएंगे.

राष्ट्रीय नेतृत्व के आह्वान पर जिला किसान संघ कोंडागांव मजदूर संघ और विभिन्न संगठनों ने किसानों को इस आंदोलन में समर्थन दिया. जिसके बाद किसानों और विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ता और मजदूरों ने नेशनल हाईवे-30 में चक्का जाम कर केंद्रीय कृषि बिल का विरोध किया. नेशनल हाईवे में चक्का जाम होने से वाहनों की लंबी-लंबी कतारें लग गई. वही आपातकालीन सेवाएं और आवश्यक सेवाओं को इसमें छूट दी गई. जिसमें किसानों ने एंबुलेंस को जाने दिया. किसान नेताओं ने कहा कि अगर उनके मांगी नहीं मानी जाएंगी, तो आंदोलन और उग्र होगा और केंद्रीय नेतृत्व किसानों के द्वारा जो आदेश दिए जाएंगे, उस आधार पर रूपरेखा आंदोलन की तैयार की जाएगी. किसानों ने कई दो घंटे तक नेशनल हाईवे-30 को जाम किया, प्रशासनिक समझा इसके बाद चक्काजाम समाप्त हुआ.