बिलासपुर. प्रदेश के न्यायधानी में झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है. हाल ही में कोटा क्षेत्र के करगीखुर्द, शिवतराई, आमने और लमेर में अवैध क्लीनिकों पर छापेमारी की गई, जिसके परिणामस्वरूप चार क्लीनिकों को सील कर दिया गया.
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार, जिले में झोलाछाप डॉक्टरों के इलाज के चलते अब तक सात लोगों की मौत हो चुकी है. हालांकि स्वास्थ्य विभाग ने सख्त कदम उठाते हुए कई क्लीनिकों पर कार्रवाई की है, लेकिन जिले में अभी भी 115 झोलाछाप डॉक्टर सक्रिय हैं.
स्वास्थ्य विभाग ने ग्रामीण इलाकों में झोलाछाप डॉक्टरों के नामों की सूची जारी कर दी है और लोगों को सलाह दी है कि वे इन डॉक्टरों से इलाज न कराएं. विभाग का उद्देश्य है कि जनता को सुरक्षित और गुणवत्ता वाली चिकित्सा सेवाएं मिल सकें और झोलाछाप डॉक्टरों की गतिविधियों पर पूरी तरह से अंकुश लगाया जा सके.
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