रायपुर. छत्तीसगढ़ सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ ने छत्तीसगढ़ सरकार की बजट को संविदा कर्मचारियों के साथ वादाखिलाफी वाला निराशाजनक बताया है. छत्तीसगढ़ सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ के कार्यकारी अध्यक्ष हेमन्त सिन्हा ने कहा कि यह कांग्रेस सरकार सिर्फ भुलावे में रखकर अपना काम निकालने में लगी हुई है.

उन्होंने कहा, संविदा कर्मचारियों से सरकार बनने पर 10 दिवस के भीतर नियमितीकरण का वादा कर सत्ता में आए भूपेश बघेल सत्ता में आते ही अपना वादा भूल गए और अपने अंतिम बजट तक में संविदा कर्मियों के लिए कोई घोषणा न कर सके. संघ के प्रदेश अध्यक्ष कौशलेस तिवारी ने कहा कि लगातार पिछले 4 वर्षों से विधानसभा प्रश्नों के जवाब में जानकारी एकत्र करने का ही उत्तर देते आए भूपेश बघेल ने बाकायदा विधानसभा में अपनी सरकार के ढुलमूल कार्यशैली की घोषणा करते रहे हैं.

संघ के सचिव श्रीकांत लास्कर ने कहा, आखिर वो सरकार कैसे कोई जनकल्याणकारी काम करे, जिसके अधिकारी इतने जवाबदेह नहीं है. सरकार के प्रति कि 4 साल में एक जानकारी तक इकट्ठी ना कर सके. संघ मे प्रदेश पदाधिकारी सूरज सिंह, संजय सोनी, तारकेश्वर साहू,टीकमचंद कौशिक, टेकलाल पाटले ने कहा कि हमने बहुत सब्र कर लिया, अब सब्र का बांध टूट पड़ा है. मुख्यमंत्री जी से भी अपील करते हैं कि समय रहते वे अपना वादा पूरा करें वरना छत्तीसगढ़ की जनता अपने चुने हुए जनप्रतिनिधियों को वापस विपक्ष में पहुंचाना भी जानती है. अपने साथ हुई वादाखिलाफी के विरुद्ध हम बहुत जल्दी एक उग्र आन्दोलन के रूप में सामने आएंगे और जल्द ही आगामी आंदोलन का सूत्रपात किया जाएगा.

संघ के पदाधिकारियों ने कहा, हमने अपने खून-पसीने से छत्तीसगढ़ मॉडल को सींचा है और हम ये कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे कि हमारी इस प्रकार अनदेखी की जाए. वो हम ही थे जो कोरोनाकाल में भी अपने कर्तव्यों पर डटे रहे, अपनों को खोते रहे, लेकिन प्रदेश की जनता की सेवा में लगे रहे. आज हमें नियमितीकरण तो दूर पिछले 4 वर्षों से वेतन में संविदा एक रुपये की भी बढ़ोतरी नहीं की गई है. भूपेश सरकार एक तरह से हमें नीचा दिखाने में लगी हुई है और हम इसका माकूल जवाब देंगे.

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