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रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी चिकित्सा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष डॉ. राकेश गुप्ता ने राज्य सरकार पर चार नए मेडिकल कॉलेज भवनों की टेंडर प्रक्रिया में भारी भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि 4 नए प्रस्तावित मेडिकल कॉलेज भवनों मनेन्द्रगढ़, गीदम, जांजगीर-चांपा और कबीरधाम के स्थल चयन की प्रक्रिया पूर्ण किये बगैर एकीकृत टेंडर 1020.60 करोड़ जारी किये जाने से खुली मिलीभगत उजागर हो गई है.
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भवन निर्माण के लिए गठित तकनीकि कमेटी में भी चुनिंदा लोगों को रखकर प्रक्रिया को आनन-फानन में निपटाने की तैयारी हो रही है. तकनीकि समिति के सदस्यों को घर जाकर हस्ताक्षर करने दबाव डाला जा रहा है. चारों मेडिकल कॉलेज का टेंडर एक साथ बुलाया गया ताकि एक चहेती कंपनी ही काम ले सके. टर्न ओवर ज्यादा मांगा गया ताकि छोटी कंपनियां भाग न ले पाये.
राकेश गुप्ता ने आरोप लगाया है कि छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विर्सेस कार्पोरेशन लिमिटेड के पदेन अध्यक्ष वर्तमान स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जयसवाल के संरक्षण में अधिकारियों और टेक्निकल कमेटी के सदस्यों द्वारा नियमों की खुली अनदेखी की जा रही है और बड़े लेनदेन को फलीभूत किया जा रहा है. जाहिर तौर पर एकीकृत टेंडर किसी चेहती कंपनी को देने की तैयारी में है, जिसके चलते तथाकथित योग्य कंपनी का टर्नओवर अत्यधिक रखा गया है ताकि सामान्य कंपनिया इसमें भाग न ले सके. केंद्र सरकार प्रधानमंत्री स्वास्थ्य संरक्षण योजना के अंतर्गत प्रस्तावित चारों मेडिकल कॉलेज, भवनों की राशि इस मद में उपयोग की जानी है. चारो मेडिकल कॉलेजो के भौगोलिक स्थिति में अंतर होने के कारण अलग-अलग टेंडर प्रक्रिया करने से राज्य सरकार को प्रतिस्पर्धा में अतिरिक्त लाभ मिलने की संभावना बढ़ जाती है और पारदर्शिता को बढ़ावा मिलता है. लेकिन सीजीएमएससी के अध्यक्ष और स्वास्थ्य मंत्री के संरक्षण में तकनीकि समिति के सदस्यों को दबाव डालकर डेढ़ गुना अधिक दर पर लगे हुये टेंडर को स्वीकृति देने के लिये कहा जा रहा है.
प्रदेश कांग्रेस चिकित्सा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष डॉ. राकेश गुप्ता ने कहा कि सीजीएमएससी के भ्रष्ठ क्रियाकलाप पहले ही सुर्खियां बने हुए हैं और मंत्री के संरक्षण में उन्हें बढ़ावा मिल रहा है. जिसका उदाहरण चारों मेडिकल कॉलेजों की टेंडर प्रक्रिया है. पूरी टेंडर प्रक्रिया को रद्द कर पुनः पारदर्शी प्रक्रिया अपना कर टेंडर प्रक्रिया की जाए.