रायपुर। छत्तीसगढ़ पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने मनरेगा में 14 नए लोकपालों की नियुक्ति की है. ये लोकपाल महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में मिली शिकायतों की जांच और सुनवाई करेंगे. इन 14 लोकपालों के प्रादेशिक क्षेत्राधिकार में 23 जिलों को शामिल किया गया है. नव नियुक्त लोकपालों ने संबंधित जिला मुख्यालयों में पदभार ग्रहण कर लिया गया है.
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की तरफ से जारी नियुक्ति आदेश के अनुसार इन लोकपालों की नियुक्ति दो वर्षों की अवधि के लिए की गई है. इसे अच्छे कार्य-प्रदर्शन के आधार पर दो बार क्रमशः एक-एक वर्ष के लिए बढ़ाया जा सकता है. इसके अलावा 68 वर्ष की आयु प्राप्त करने तक लागू होगी.
इन लोकपालों की हुई है नियुक्ति
- रायपुर और बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के लिए सुनील राय को लोकपाल नियुक्त किया है.
- सरगुजा और सूरजपुर के लिए मोहम्मद परवेज खान
- बस्तर और कोंडागांव के लिए रमेश कुमार राजपूत
- बिलासपुर, मुंगेली और गोरेला-पेंड्रा-मरवाही के लिए सुरेश सोनी
- धमतरी और गरियाबंद के लिए घना राम साहू
- दुर्ग और बालोद के लिए मीना चंदेल
- कांकेर और नारायणपुर के लिए अजय कुमार शर्मा
- कबीरधाम और बेमेतरा के लिए संजय श्रीवास्तव को लोकपाल नियुक्त किया है.
- रविजा सिंह को जांजगीर-चांपा
- कल्पना पाण्डेय को कोरबा
- लाल बहादुर राठौर को रायगढ़
- राजू देवांगन को महासमुंद
- राणा प्रताप सिंह को जशपुर
- केदारनाथ यादव को बलरामपुर-रामानुजगंज के लिए लोकपाल नियुक्त किया है.
लोकपाल से की जा सकती हैं ये शिकायतें
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने मनरेगा के लिए लोकपाल के निर्देश जारी किए हैं. जिसके अनुसार कोई भी नागरिक मनरेगा के क्रियान्वयन में कमी का आरोप लगाते हुए ग्राम सभा की बैठक, उसकी कार्रवाई विवरण का संधारण, परिवारों का पंजीकरण और जॉब कार्ड जारी करना, जॉब कार्ड की अभिरक्षा (कस्टडी), काम की मांग, काम की मांग का आवेदन प्रस्तुत करने के सापेक्ष दिनांकित पावती रसीद जारी करना.
इसके अलावा मजदूरी का भुगतान, बेरोजगारी भत्ता का भुगतान, विलंबित मजदूरी भुगतान के लिए मुआवजे का भुगतान, लिंग के आधार पर भेदभाव, कार्यस्थल पर सुविधाएँ, काम का मापन, कार्य की गुणवत्ता, श्रम विस्थापन मशीनों का उपयोग, ठेकेदारों को लगाना, बैंक या डाकघरों में खातों का संचालन, शिकायतों का पंजीकरण एवं निपटारा, मस्टर रोल का सत्यापन, दस्तावेजों का सत्यापन, निधियों का उपयोग, निधियों की मुक्ति (रिलीज), सामाजिक अंकेक्षण के माध्यम से सामने लाई गई कोई कपटपूर्ण गतिविधि, रिकार्ड का रखरखाव, संधारण एवं मनरेगा के अधिनियम या अनुसूची में सुनिश्चित किसी पात्रता से वंचित करने जैसे एक या एक से अधिक विषयों पर अपनी शिकायत योजना के तहत कार्यरत लोकपाल से कर सकता है.