रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में नियुक्त सात मार्शलों को करीब 20 वर्षों की सेवा के बाद सेवा से हटा दिया गया है। यह फैसला सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत लिया गया, जिसकी पुष्टि गुरुवार शाम को जारी आधिकारिक आदेश से हुई है।

जानकारी के अनुसार, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने बुधवार शाम को सुप्रीम कोर्ट के आदेश का परिपालन करते हुए बर्खास्तगी के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। इसके बाद गुरुवार को विधानसभा सचिवालय ने सभी सात मार्शलों की सेवा समाप्त करने के आदेश जारी कर दिए।

कैसे शुरू हुआ मामला?

छत्तीसगढ़ विधानसभा के गठन के कुछ वर्षों बाद वर्ष 2004–05 में मार्शलों की नियुक्ति की गई थी। इनमें सुशील चंद्रोल, राजेश कुमार, मनीष चंद्राकर सहित कुल सात लोग नियुक्त हुए थे। हालांकि, उस समय की चयन प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कुछ अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी।

हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने नियुक्तियों को सही ठहराया, लेकिन डबल बेंच ने उन्हें अवैध करार दिया। यह मामला आगे सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा, जहां डबल बेंच के फैसले को बरकरार रखा गया। इसी के अनुपालन में अब सातों मार्शलों को पद से हटा दिया गया है।

अब आगे क्या?

इस बीच, विधानसभा सचिवालय ने व्यापमं (CG Vyapam) के माध्यम से नई भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिसकी चयन सूची भी जारी हो चुकी है। ऐसे में संभावना है कि जल्द ही विधानसभा में नई नियुक्तियों की प्रक्रिया भी पूरी कर ली जाएगी।

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