रायपुर। विधानसभा में चर्चा के दौरान सहायक शिक्षकों समेत कर्मचारी संगठनों की हड़ताल पर बीजेपी ने स्थगन प्रस्ताव दिया. सदन की कार्यवाही रोककर चर्चा की माँग उठाई. आसंदी के स्थगन प्रस्ताव को खारिज करने के बाद चर्चा करने की मांग करते हुए विपक्षी सदस्यों ने नारेबाजी की. स्थिति को देखते हुए आसंदी ने सदन की कार्यवाही पांच मिनट के लिए स्थगित की.

नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि आज पूरे प्रदेश में एक लाख नौ हजार सहायक शिक्षक सड़कों पर हैं. पुलिस रास्ते में रोक रही है. अंदेशा है कि उनके साथ मारपीट भी हुई होगी. मुख्यमंत्री जब कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष थे, तब हड़ताली कर्मचारियों के हर तम्बू में गए थे. आश्वासन देकर वोट बटोरे गए. 2021 में 18 दिनों का धरना दिया गया था. तब मुख्यमंत्री ने एक कमेटी बनाई थी. लेकिन आज तक उसका प्रतिवेदन नहीं आया. सहायक शिक्षकों की धैर्य की सीमा टूट रही है. सरकार यदि माँग पूरी नहीं कर पा रही तो कम से कम ये कहे कि हम धोखा देकर सत्ता में आए हैं. शिक्षा की रैंकिंग में छत्तीसगढ़ का स्थान तीसवां है. बच्चे स्कूल में दारू पी रहे हैं ये स्थिति बन गई है. आश्वासन देने के बाद भी निराकरण नहीं करना उचित नहीं है.

बीजेपी विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि सरकार के पौने चार साल में ज़्यादातर वक्त कर्मचारी हड़ताल पर रहे हैं. आख़िर छत्तीसगढ़ में ये क्या चल रहा है? ये सरकार है कि चू-चू का मुरब्बा है. राज्य के कर्मचारियों को सिर्फ़ 22 फ़ीसदी महंगाई भत्ता दिया है. सरकारी कर्मचारी सरकार के हाथ पैर हैं. ये सही नहीं रहे तो सरकार को लकवा मार जाएगा. कर्मचारियों की इतनी बड़ी हड़ताल पर चर्चा कर इसका निराकरण कराया जाए. बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर ने कहा- सरकार के अड़ियल रवैए से, धोखाधड़ी से आज ये सड़कों पर हैं. जेसीसी विधायक धर्मजीत सिंह ने कहा कि सरकार से आस लगाए बैठे थे के उनके हितों की रक्षा की जाएगी. अग्निवीर से भी बदतर स्थिति में राज्य के कर्मियों को ला रहे हैं. हड़ताल की स्थिति ना बने. हितों की रक्षा करना सरकार का धर्म है.

बीजेपी विधायक रंजना साहू ने कहा कि कर्मचारियों की हड़ताल की वजह से प्रशासनिक कामकाज ठप्प हो गया है. इसके लिए सरकार ज़िम्मेदार है. जनघोषणा पत्र में कई वादे किए थे. वेतन विसंगति दूर करने का वादा था लेकिन विसंगति दूर नहीं की गई. बीजेपी विधायक रजनीश सिंह ने कहा कि शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण जैसे क्षेत्र के लोग लगातार अपनी बातें रख रहे हैं, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो रही. वह आंदोलन का रास्ता अपना रहे हैं. राज्य में ये गम्भीर स्थिति बन रही है कि सरकारी कर्मचारी हड़ताल पर जा रहे हैं. बीजेपी विधायक डॉक्टर कृष्णमूर्ति बांधी ने कहा- ये वहीं कर्मचारी हैं जिनके साथ चाय जूस पीकर कांग्रेसी भरोसा दिलाकर आते थे कि उनकी माँगे पूरी करेंगे. लेकिन आज ये कर्मचारी सरकार से माँग कर रहे हैं.