रायपुर। विधानसभा में धान के उठाव का मामला गूंजा. चर्चा के दौरान मंत्री अमरजीत भगत ने डॉ. रमन सिंह पर टिप्पणी की, जिस पर बीजेपी सदस्यों ने गहरी आपत्ति जताई, जिस पर आसंदी ने उस टिप्पणी को विलोपित कर दिया. लेकिन मंत्री से माफी मांगे जाने की मांग करते हुए बीजेपी विधायक गर्भगृह में उतर गए. आखिरकार स्पीकर के निर्देश के बाद मंत्री ने अपनी विवादित टिप्पणी पर खेद जताया.
विधानसभा में पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह ने धान उठाव पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि पिछली सरकार की गलतियों को सरकार इस साल भी दोहरा रही है. हज़ारों करोड़ का धान सड़ गया, लेकिन अब भी सरकार सबक़ नहीं ले रही. उन्होंने पूछा कि ख़रीफ़ सीजन 2020-21 में कितना धान राइस मिलरो को दिया गया?
खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने जवाब में बताया कि कुल 2311 उपार्जन केंद्रों से धान ख़रीदी हुई. कस्टम मिलरों को उपार्जन केंद्रों से 59.12 लाख मीट्रिक टन धान और संग्रहण केंद्रों से 20.18 मीट्रिक टन धान दिया गया. स्पीकर डॉक्टर चरणदास महंत ने मंत्री को निर्देश दिए. कहा कि 15 साल के मुख्यमंत्री यदि किन्ही विषयों पर चिंता कर रहे हैं, तो उनके कक्ष में जाकर उनके सवालों पर उन्हें संतुष्ट कर लें.
डॉक्टर रमन सिंह ने कहा कि पिछले साल में उपार्जन केंद्रों से आज तक धान का उठाव नहीं हुआ है. इससे हज़ारों करोड़ रुपए का नुक़सान हुआ है. उन्होंने पूछा कि सरकार की धान ख़रीदी की नीति की वजह से नीलामी की प्रक्रिया की गई. इससे कितना नुक़सान हुआ? खाद्य मंत्री ने बताया कि 8 लाख 97 हज़ार मीट्रिक टन धान की नीलामी की गई. इससे 554 करोड़ की हानि हुई.
रमन सिंह ने उत्तर को गलत करार देते हुए कहा कि 900 करोड़ रुपए से ज़्यादा की हानि हुई है. साथ ही सदन की समिति से जाँच कराने की माँग की. इसके बाद मंत्री अमरजीत भगत की टिप्पणी की, जिस पर भाजपा सदस्यों ने आपत्ति जताते हुए गर्भगृह में उतर गए. इस पर स्पीकर ने बीजेपी सदस्य को सदन की कार्यवाही से निलंबित कर दिया. इसके बाद आसंदी के निलंबन रद्द करने पर बीजेपी सदस्य सदन में लौटे, लेकिन मंत्री अमरजीत भगत के विभाग से जुड़े सवाल का बायकाट किया. अजय चंद्राकर ने कहा कि हम आज मंत्री से किसी तरह का सवाल नहीं पूछेंगे.