रायपुर। विधानसभा के मानसून सत्र के तीसरे दिन धान खरीदी के एवज में किए गए भुगतान का मुद्दा गर्म रहा. पक्ष और विपक्ष के सदस्यों के बीच तीखी तकरार हुई. सत्तापक्ष के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने वॉकआउट किया.

नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने मामला उठाते हुए मंत्री से सवाल किया कि 1 अप्रैल 2019 से अप्रैल 2022 तक धान ख़रीदी में कुल कितना भुगतान किसानों को किया गया? कितना भुगतान शेष है? कब तक भुगतान किया जाएगा? किसानों को कितनी राशि का भुगतान समर्थन मूल्य और राजीव न्याय योजना से किया गया? इस पर खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि सहकारी समितियों के माध्यम से समर्थन मूल्य पर उपार्जित धान की राशि 51 हज़ार 563 करोड़ रुपए का भुगतान कृषकों को किया गया. राजीव गांधी न्याय योजना के अंतर्गत कुल 11 हज़ार 148 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया.

इस पर नेता प्रतिपक्ष ने पूछा कि कितनी राशि केंद्र ने दी और कितनी राशि केंद्र ने दी? मंत्री भगत ने कहा कि केंद्र सरकार ने 51 हज़ार 563 करोड़ रुपए दिया है. 11 हज़ार 148 करोड़ रुपए राज्य ने दिया. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दखल देते हुए कहा कि केंद्र सरकार धान ख़रीदी में पैसा नहीं देती. गारंटी देकर बैंक से लोन लिया जाता है. सेंट्रल पूल में दिए जाने वाले चावल के एवज़ में केंद्र पैसा देती है.

नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने इस पर सवाल किया कि बोनस का 294 करोड़ रुपए की राशि का भुगतान कब किया जाएगा? मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि 2018-19 में हम 2500 रुपए की दर पर धान ख़रीद रहे थे. भारत सरकार के अड़ंगे के बाद हमने अंतर की राशि देने के लिए राजीव न्याय योजना की शुरुआत की थी. इनपुट सब्सिडी का पैसा देने के लिए यह योजना लाई गई. इस साल हम नौ हजार रुपए इनपुट सब्सिडी के रूप में देंगे. चुनावी साल में यदि समर्थन मूल्य की राशि यदि डेढ़ सौ रुपए बढ़ाएगी तो चुनावी साल में हम किसानों को 2800 रुपए देंगे.

बीजेपी विधायक शिवरतन शर्मा ने कहा कि 2019-20 में किसानों को 2500 रुपए में 85 रुपए कम दिया गया और 2020-21 में 32 रुपए कम मिला है? क्या ये राशि किसानों को दी जाएगी? खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि इस मसले पर विपक्ष सिवाय राजनीति के कुछ नहीं कर रहा. मंत्री के जवाब से सदन में भारी शोरगुल मचा और आखिर में सत्तापक्ष के जवाब से असंतुष्ट होकर विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर दिया.