रायपुर। विधानसभा में छत्तीसगढ़ कृषि उपज मंडी (संशोधन) विधेयक पारित हो गया. विधेयक पारित होने के पहले सदन में हुई चर्चा के दौरान कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि इस संशोधन में कृषक कल्याण शुल्क लगाया गया है. देश के कई राज्यों में शुल्क लगा हुआ है. पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश में ये शुल्क लगा हुआ है. छत्तीसगढ़ में मंडी अधोसंरचना के विकास, किसानों के उपज के लिए 164 गोदाम बनाने जा रहे हैं. इस राशि से मंडियों का विकास करने, किसानों के लिए विश्राम गृह बनाने जैसे किसान हित में काम होंगे.

बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि कृषि, कृषक की सुविधा से जुड़े मामलों में सहमति है, इसमें कोई दो राय नहीं. पाइंट 11 में लिखा है कि कांग्रेस कृषि अधिनियम में संशोधन करेगी, जिससे प्रतिबंध समाप्त हो जाएँगे. प्रदेश में 69 कृषि उपज मंडी है. 118 उप मंडी है. प्रदेश में ज़िंदा मंडी कितनी है. मुश्किल से 24 हैं. आपको जानकर आश्चर्य होगा कि सिर्फ़ दो ही मंडी पूरी तरह से ज़िंदा है. कोविड के लिए अंग्रेज़ी शराब में 10 फ़ीसदी और देशी शराब में 10 रुपए सेस लगा, गोठान के लिए भी पाँच रुपए सेस लगा लेकिन इनमें से एक रुपए भी कोविड के लिए खर्च नहीं किया गया.

उन्होंने कहा कि कृषि उपज मंडी में भी प्रस्तावित संशोधन के ज़रिए एक तरह का सेस लगाया जा रहा है. मंडी में जब सेंट्रल एक्ट पारित हो चुका है तो ये संशय है कि राज्य में यह प्रावधान लागू हो पाएगा. हम न्याय योजना में अगली बार स्थगन लगाने वाले हैं, यह बात मैं अभी से बता रहा हूँ. दिल्ली क्यूँ घिरी है, कैसे घिरी है. इस पर मत जाइए. मैं कहता हूँ कि जब प्रधानमंत्री, केंद्रीय कृषि मंत्री चर्चा के लिए तैयार हैं, तो चर्चा करनी चाहिए.

किसानों पर यह बोझ सरकार के दिवलियापन के लिए लाए जा रहे हैं. इंस्पेक्टर राज क़ायम होगा. दल विशेष के लिए यह खर्च किया जाएगा. दारू की सेस की तरह दूसरे कामों में खर्च किया जाएगा.

बीजेपी विधायक सौरभ सिंह ने कहा कि किसान पंद्रह क्विंटल धान बेचता है लेकिन अतिरिक्त धान कहाँ जाएगा? यह धान मंडियों में बिकेगा. अगर मंडी शुल्क बढ़ाया जा रहा है तो एक क्विंटल धान के लिए कितना शुल्क देना होगा? जितने भी मंडियों के गोडाउन बने हैं, उसे सोसायटियों के लिए किराए पर नहीं लिया गया है. पंजाब का ज़िक्र आया, वहाँ 38 सौ करोड़ रुपए सिर्फ़ मंडी टैक्स से आता है.

कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि पंजाब के किसानों की उपज केंद्र एफसीआई के ज़रिए करती है. आप माँग कर दीजिए कि केंद्र यहाँ भी पंजाब की व्यवस्था के तहत ख़रीदी करे.

बीजेपी विधायक सौरभ सिंह ने कहा एक बार पंजाब के मुख्यमंत्री से पूछ लें कि जब पूरी उपज एफसीआई करती है तो फिर किस बात का आंदोलन वहाँ किया जा रहा है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने टिप्पणी कर कहा कि किसान पूरे देश का है. जब बात देश के किसानों की हो रही है तो एफसीआई ख़रीदे ना, कहीं मक्का है, कहीं धान है, कहीं गेहूं हैं. केंद्र यह कह दे. क़ानून बना दे तो दिल्ली का आंदोलन कल ख़त्म हो जाएगा.

नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि आप लोग सिर्फ़ चिट्ठी लिखने का काम करते हैं. प्रधानमंत्री से लेकर केंद्रीय मंत्री तक को चिट्ठी लिखते है. चिट्ठी लिखकर अपनी ज़िम्मेदारी ख़त्म कर लेते हैं. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि अभी तक भारत सरकार से एफसीआई को चावल जमा करने की अनुमति नहीं दी गई है. अब ऐसे में चिट्ठी नहीं लिखूँ तो क्या करूँ? बरदाने को लेकर भी ऐसे ही हालात थे. हम इन हालातों में चिट्ठी नहीं लिखेंगे तो क्या करेंगे? हम अपनी ज़िम्मेदारियों से पीछे तो नहीं हट सकते.

नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि, आपको समय सीमा ख़त्म करने की घोषणा सदन में करनी चाहिए, इस पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने तत्काल टिप्पणी कर कहा कि, मैं इसका समर्थन करता हूँ, बस एक बात जोड़ देना चाहिए कि एफसीआई सारा ख़रीद ले. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि देश में इतना बफ़र स्टाक है कि देश को तीन साल तक खिलाया जा सकता है, इसलिए ही हमने इथेनाल बनाने की अनुमति माँगी थी, इसमें हमें आपकी मदद लेने से कोई संकोच नहीं. इथेनाल बनेगा तो देश का विदेशी धन भी बचेगा. हमारे इस सुझाव को केंद्र सरकार को मान लेना चाहिए.

बीजेपी विधायक सौरभ सिंह ने कहा कि मंडी शुल्क का पैसा किसानों की जेब से जाएगा. यह किसान और उपभोक्ताओं पर अधिक भार आएगा. ऐसी व्यवस्था जो लागू नहीं हुई है तो ऐसा नहीं किया जाना चाहिए.

बीजेपी विधायक शिवरतन शर्मा ने कहा कि इस शुल्क का सीधा नुक़सान किसानों को होगा. क्रेता से विक्रेता जब उपज ख़रीदेगा तो मंडी शुल्क का भार किसानों पर ही डालेगा. इससे बोझ किसानों पर ही पड़ेगा. प्रदेश में बारह मासी मंडियाँ सिर्फ़ 11-12 ही है. मंडी बोर्ड शुल्क से मंडियों के विकास के लिए कितनी राशि स्वीकृत की गई? मंडी बोर्ड की राशि का उपयोग सिर्फ़ क़र्ज़ लेने के लिए किया जाएगा. सरकार एक बिल लेकर आए और कहे कि मंडी शुल्क से उस क्षेत्र के विकास के लिए खर्च किया जाएगा. जब सरकार में हम थे या आज सरकार में ये है मंडी शुल्क का बेहतर उपयोग नहीं हुआ.

उन्होंने कहा कि मंडियाँ आख़िर समाप्त क्यों हो रही है? सरकार ने सिर्फ़ एक नियम लागू किया था अनुज्ञा पत्र का. शुरुआत कांग्रेस सरकार ने ही की थी, जिसका चलन हमारी सरकार के दौरान भी होता रहा. एफसीआई से ख़रीदी का ज़िक्र किया गया लेकिन केंद्र में हमारी सरकार पिछले छह साल से ही है, इससे पहले तो कांग्रेस नेतृत्व की सरकार 10 सालों तक थी, तब क्यूँ एफसीआई से ख़रीदी नहीं करवा लिया गया? दिल्ली में किसानों का आंदोलन चल रहा है, लेकिन एक क्लिपिंग चल रही है कि इनके नेता घूमने गए हैं.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस टिप्पणी पर आपत्ति दर्ज की और कहा कि शिवरतन शर्मा कहाँ जाते हैं, कहाँ आते हैं, क्या खाते -पीते हैं, क्या पहनते हैं, इन सब भी नज़र रखनी चाहिए? उनकी टिप्पणी उचित नहीं है.

शिवरतन शर्मा ने कहा कि सदन के पहले दिन भी मुख्यमंत्री अजय चंद्राकर की टिप्पणी पर अमिताभ बच्चन की तरह एंग्री मेन की तरह नाराज़ हो गए थे, आज भी मैंने एक टिप्पणी की तो नाराज़ हो गए. एक ट्विट कर आंदोलन को भड़का देने के बाद कोई कहीं घूमने चला जाए तो उसे भगौड़ा नहीं कहेंगे तो क्या कहेंगे? कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि, जितनी बातें शिवरतन शर्मा ने कहीं, उसमें से एक पर भी जवाब देना ज़रूरी नहीं समझता. हम और आप दोनों का उद्देश्य छत्तीसगढ़ का विकास है. छत्तीसगढ़ के किसानों का धान ख़रीदने में जितनी बाध्यताएँ आ रही है, उसे दूर करने में मदद कीजिए. क्या केंद्र की सरकार हमारी सरकार नहीं हैं? क्या हम केंद्र से अनुरोध नहीं कर सकते?