रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा जारी है. आदिवासी दिवस पर छुट्टी देने पर बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर की टिप्पणी पर सदन में उबाल आ गया. सत्तापक्ष के आदिवासी विधायकों ने आपत्ति जताते हुए माफी मांगने की बात कही. अजय चंद्राकर ने कहा कि उनके किसी भी बयान से किसी को ठेस पहुंची हो तो वे माफी मांगते हैं. इसके साथ ही सदन की कार्यवाही दस मिनट के लिए स्थगित कर दी गई.

दरअसल, अजय चंद्राकर ने कहा था विश्व आदिवासी दिवस पर दी गई छुट्टी सिवाय राजनीति के कुछ नहीं. इस पर मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि सदन में 90 में से 29 विधायक आदिवासी वर्ग से आते हैं. अजय चंद्राकर आदिवासियों का अपमान कर रहे हैं. मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि आदिवासियों का उपहास बना देते हैं. कभी आदिवासी मंत्री को आइटम गर्ल कह देते हैं. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि रविंद्र चौबे ने छत्तीसगढ़ की संस्कृति का ज़िक्र किया. इस पर ही आदिवासी दिवस पर छुट्टी देने की बात आने पर अजय चंद्राकर की टिप्पणी आई.

मुख्यमंत्री ने कहा कि अजय चंद्राकर को जब भी मौक़ा मिलता है वह ऐसा बयान देते हैं. इससे पहले उन्होंने आईटम गर्ल कहा था. अब एक नया शब्द कहते हैं मंत्रिमंडल के सदस्यों को चियर्स गर्ल कहते हैं. ये उचित नहीं है. अजय चंद्राकर ने कहा कि मैंने चार बार ये माँग की थी कि सदन में कौन से शब्द असंसदीय हैं या नहीं ये बता दीजिए. आसंदी मुझे जो भी निर्देश देगा मैं मानूंगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मेरे द्वारा दिए गए अब तक के तमाम बयान में मेरे किसी भी शब्द से किसी को ठेस पहुँची हो तो मैं माफ़ी माँगता हूँ.

इसके पहले कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि हमारी विरासत, परंपरा, कला-संस्कृति, तीज पर्व ने यदि सम्मान पाया तो मुख्यमंत्री को बधाई देनी चाहिए. छत्तीसगढ़ के बहुसंख्यक आदिवासियों के सम्मान में विश्व आदिवासी दिवस पर छुट्टी घोषित की गई. इस पर अजय चंद्राकर ने कहा कि एक बार चार्टर पढ़ लीजिए. जिन देशों में आदिवासियों की संस्कृति खतरे में है उसकी रक्षा करने के लिए आदिवासी दिवस मनाया जाता है. छत्तीसगढ़ में दी गई छुट्टी सिवाय राजनीति के कुछ भी नहीं. सत्तापक्ष के आदिवासी विधायकों में अजय चंद्राकर से माफ़ी माँगें जाने की माँग की.

इस पर भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि कहीं भी आदिवासी वर्ग का अपमान नहीं किया, लेकिन कवासी लखमा माफ़ी जाने की माँग पर अड़े रहे और कहा कि इस बयान से हमें ठेस पहुँचा है. हम भी चुनाव जीतकर आए हैं. नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि इसी विधानसभा में 32 फ़ीसदी आरक्षण लागू किया गया है. आदिवासियों के प्रति सम्मान है इसलिए ही ये लागू किया गया था. अजय चंद्राकर ने कहा कि यदि मेरे दिए तथ्य सदन के सदस्यों को ग़लत लगता है तो जो फ़ैसला होगा वह मुझे मान्य होगा. प्रेस काँफ़्रेस में की गई मेरी टिप्पणी समाज विशेष को लेकर नहीं थी. मैंने मंत्रिमंडल पर टिप्पणी की थी. अजय चंद्राकर ने कहा कि मैंने चार बार ये माँग की थी कि सदन में कौन से शब्द असंसदीय हैं या नहीं ये बता दीजिए. आसंदी मुझे जो भी निर्देश देगा मैं मानूँगा.