रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन वन अधिकारी पट्टा वितरण के मुद्दे पर सरकार को घेरने का प्रयास किया गया. मंत्री रामविचार नेताम ने बताया कि अधिकार पत्र के दुरुपयोग की शिकायत नहीं आई है. वहीं लंबित प्रकरणों का अतिशीघ्र निवारण करने का भरोसा दिलाया. यह भी पढ़ें : छत्तीसगढ़ विधानसभा शीतकालीन सत्र : सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार पर पांच अधिकारियों का सदन में हुआ निलंबन…

विधायक अम्बिका मिश्रा ने प्रश्नकाल में विधानसभा क्षेत्र सिहावा में वन अधिकारी पट्टा वितरण का मुद्दा उठाया. उन्होंने सवाल किया कि वर्ष 2021-22 से जिन 2024 तक कितने पट्टे वितरित किए गए है? इसका रकबा भी बताए? कितने को पट्टा वितरित की जाना प्रक्रियाधीन है? कितने अपात्र होने के कारण अस्वीकृत है? पट्टा वितरण का लक्ष्य कब तक पूरा किया जाएगा?

इस पर मंत्री राम विचार नेता ने बताया कि अब तक 519 सामुदायिक वन अधिकार पर वितरित किए जा चुके है. अब तक कोई भी प्रक्रियाधीन वन अधिकार पत्र दिए जाने के लिए नहीं है. अपात्र कारण कोई भी प्रकरण अस्वीकृत नहीं है. इसमें अलग से कोई लक्ष्य निर्धारित नहीं है, और समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है.

इस पर विधायक मरकाम ने सवाल किया कि 519 पत्रों के दुरुपयोग की कितनी शिकायत प्राप्त हुई है, और उनमें क्या कार्यवाही हुई है? मंत्री ने बताया कि वन अधिकार के संबंध में पूरी जानकारी दे दी है. दुरुपयोग के बारे में इसकी शिकायत नहीं आई है, शिकायत देंगे तो उसे दिखावा लेंगे.

इसके साथ विधायक मरकाम ने सवाल किया कि कितने समूह और समितियों से वर्षवार पत्र प्राप्त है कितने लम्बित है? इस पर मंत्री ने बताया कि नगरीय सिहावा में 30 जून 24 तक कुल आवेदन 9 लाख 39 हजार 500 आवेदन प्राप्त हुए हैं. अभी धमतरी जिले में अनिश्चित जनजाति के 4 हजार 313 दावे निरस्त हुए हैं. वन अधिकार के संबंध में कोई शिकायत दर्ज नहीं हुई हैं.

इसके साथ ही अम्बिका मरकाम ने सवाल किया कि लंबित प्रकरण का निराकरण कब तक होगा?? इस पर मंत्री ने अतिशीघ्र निराकरण करने की बात कही.