सत्यपाल सिंह राजपूत,रायपुर। सहायक प्राध्यापक की परीक्षा-2019 को लेकर छत्तीसगढ़ राज्य लोक सेवा आयोग सवालों के घेरे में है. आवेदक की शिकायत पर पीएससी ने जांच पूरी कर अपने आप को क्लीनचिट दे दी है. लेकिन सवाल आज भी अपनी जगह पर बरकरार हैं, जिसका प्रदेश के युवा जवाब तलाश रहे हैं. युवाओं के मन में उमड़ रहे इन्हीं सवालों को लेकर लल्लूराम डॉट कॉम ने पीएससी परीक्षा नियंत्रक आरती वासनिक ने चर्चा की, जिस पर उन्होंने बिना लाग-लपेट के जवाब दिया.

सवाल- जांच के बिंदु और आधार क्या था ?

पीएससी परीक्षा नियंत्रक आरती वासनिक ने कहा कि वीरेंद्र पटेल सहायक प्रध्यापक हिंदी का परीक्षार्थी था. रायपुर के अमलीडीह सेंटर में उसके पीछे के विद्यार्थी अनुपस्थित था, लेकिन साक्षात्कार के लिए उसका नंबर आया है. इसलिए एक फरवरी को शिकायतकर्ता, केंद्र अध्यक्ष और उसके कक्ष के परवेक्षक का बयान लिया गया. जांच में पाया गया कि शिकायतकर्ता का रोल नंबर 91 है, तो उसके पीछे को रोल नंबर वास्तिवक 92 रोल नबंर वाले अनुपस्थित और जो 93 वाले परीक्षार्थी है, जो मौजूद था. उन्हें साक्षात्कार के लिए बुलाया गया है, जो तीन बिंदु में शिकायतकर्ता ने शिकायत किया था. उसी को जांच के आधार माना गया है और उन्हीं तीन बिदु पर जांच किया है. जांच में मिले तथ्य के आधार पर शिकायत निराधार पाई गई. इसमें तो शिकायतकर्ता का भी कथन लिया गया है. शिकायतकर्ता ने कथन में कोई तथ्य पेश नहीं किया है. आशंका के आधार पर शिकायत करने के बाद स्वीकार किया है.

सवाल- शिकायत झूटी है इसका क्या तथ्य है ?

लोक सेवा आयोग के कोई भी परीक्षा का अपना एक सिंटिंग प्लान होता है. परीक्षार्थियों का हस्ताक्षर, सिटिंग प्लान, ओएमआर आंसर सीट है. ये तमाम दस्तावेज और 93 रोल नंबर वाला परीक्षार्थी उपस्थित है. जिसने परीक्षा दिया है, वही साक्षात्कार के लिए चयनित हुआ है. 92 वाला अनुपस्थित है और उसका चयन भी नहीं हुआ है.

सवाल- वीडियो शूटिंग का प्रवधान था क्या ?

लोक सेवा आयोग के कोई भी परीक्षा में वीडियो शूट नहीं होता है. पीएससी कार्यालय से ना कोई आदेश जारी हुआ था कि वीडियोग्राफी किया जाए या सीसीटीवी कैमरे लगाए जाए. फिर शिकायत का बिंदु था इसलिए केंद्राध्यक्ष और अन्य लोगों से पूछताछ किया, जिसमें वीडियो शूट की बात गलत साबित हुई है.

सवाल- प्रश्न पत्र पहले से वायरल होने की पोस्ट खूब वायरल हो रही है इसकी क्या है सत्यता ?

पीएससी की कोई भी परीक्षा हो, सभी में प्रश्न पत्र परीक्षा देने वाले परीक्षार्थियों का क़ॉपी ही होता है. परीक्षा के बाद परीक्षार्थी अपने घर ले जाते है, जो प्रश्न पत्र वायरल हो रहा है, उसमें केंद्र अध्यक्ष का हस्ताक्षर और केंद्र का सील है. परीक्षा के बाद किसी ने उसको अपलोड कर वायरल किया है.

सवाल- आरोप लग रहे है कि आरोपी ही जांच कर्ता थे ?

आरती वासनिक ने कहा कि जहां शिकायत हुई, वहीं जांच होगा. शिकायत कर्ता ने चेयरमैन से शिकायत किया था. शिकायत मिलने के बाद तत्काल कार्रवाई करते हुए जांच करने को कहा गया. दो सद्स्यी टीम ने दस्तावेज खंगाले. जिसमें शिकायत झूठी पाई गई है.

सवाल- आरोप है कि दबाव बढ़ने के बाद विभाग ने जांच शुरू की ?

वासनिक ने कहा कि बिल्कुल गलत है. जिसको जो मन में आ रहा, वो कह रहे हैं. 27 जनवरी को शिकायत मिली. शिकायत को गंभीरता से लेते हुए 1 फरवरी को जांच शुरू कर दी गई थी, क्योंकि शिकायत मिलने के बाद छुट्टी का दौर था. रविवार के बाद एक तारीख को संज्ञान ले लिया गया था.