बिलासपुर। जिले के सीपत तहसीलदार तुलसी राठौर के खिलाफ जिले भर के लिपिक लामबंद हो गए हैं. तहसीलदार की फटकार से लिपिक की मौत और दूसरे लिपिक के खिलाफ झूठी FIR दर्ज होने पर लिपिक आक्रोशित हैं. छत्तीसगढ़ प्रदेश लिपिक वर्गीय शासकीय कर्मचारी संघ के आहवान पर जिले भर के लिपिक ने आज तहसीलदार तुलसी राठौर के खिलाफ न्याय रैली निकाली.

प्रदेश लिपिक वर्गीय शासकीय कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष रोहित तिवारी, जिला अध्यक्ष सुनील यादव के नेतृत्व में आज हजारों की संख्या में लिपिकों ने नारेबाजी करते हुए कलेक्टर और एसपी कार्यालय पहुंचे. पुलिस अधीक्षक दीपक झा से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा. पुलिस अधीक्षक ने न्याय संगत कार्रवाई का आश्वासन दिया है.

संघ के प्रदेश अध्यक्ष रोहित तिवारी ने बताया तहसीलदार तुलसी राठौर की कार्यप्रणाली ही विवादास्पद है. इससे पहले कोरबा में भी उन पर अधीनस्थ कर्मचारियों से दुर्व्यवहार और मानसिक रूप से प्रताड़ित करने की शिकायत संघ को मिली थी. वर्तमान में लिपिक भरत लाल सूर्यवंशी तहसीलदार तुलसी राठौर द्वारा प्रताड़ित किए जाने से सदमे में आकर हृदयाघात से उसकी मौत हो गई.

अपने बचाव पक्ष को मजबूत करने के लिए तहसीलदार तुलसी राठौर ने एक अन्य लिपिक बीपी मिश्रा पर दबाव बनाया. बीपी मिश्रा ने जब सही बात मीडिया और पुलिस को बताने की बात कही, तो तहसीलदार ने लिपिक बीपी मिश्रा के खिलाफ झूठी एफआईआर दर्ज करवा दिया.

सर्वोच्च न्यायालय की गाइडलाइन के अनुसार किसी भी शासकीय कर्मचारी पर मुकदमा दर्ज करने से पहले विभागीय अनुमति आवश्यक है. इस मामले में पुलिस की कार्रवाई भी पक्षपातपूर्ण है. उन्होंने जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन से मांग की है कि झूठी एफआईआर को तत्काल निरस्त किया जाए. इस मामले की निष्पक्ष जांच हो और मामले की निष्पक्ष जांच होते तक तहसीलदार तुलसी राठौर को सीपत तहसील से तबादला किया जाए.

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