बिलासपुर। अपराधी ठगी करने के लिए नए-नए पैतरे अपना रहे हैं. लेकिन इस बार इनका ठगी का तरीका कुछ अलग है. अब आरोपी फर्जी पुलिस और पत्रकार बनकर घटनाओं को अंजाम दे रहे. बिलासपुर के सरकंडा पुलिस ने ऐसे ही 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. जिनके पास से पुलिस और मीडिया का फर्जी आई कार्ड बरामद हुआ है. ये आरोपी अलग-अलग राज्यों में जाकर एटीएम मशीन से छेड़छाड़ कर बैंक को लाखों का चूना लगाते थे.
फर्जी आईडी का दिखाते थे धौंस
पुलिस के मुताबिक सरकंडा स्थित एसबीआई एटीएम में कुछ अज्ञात आरोपियों ने एटीएम मशीन में छेड़छाड़ कर 29 हजार रुपए निकाल लिया था. मामले की जांच के दौरान पता चला कि राजकिशोर नगर के एटीएम के पास दिल्ली पासिंग की एक गाड़ी में 4 संदिग्ध लोग एटीएम से छेड़छाड़ करते दिखे. पुलिस ने चारों को घेराबंदी कर पकड़ा गया और उनकी तलाशी लेने पर उनके पास से 12 नग अलग-अलग बैंकों का एटीएम, पुलिस और मीडिया का फर्जी आईडी कार्ड बरामद हुआ. जहां फंसने का चांस रहता, तो फर्जी कार्ड दिखाकर धौंस दिखाते थे.
ऐसे करते थे ATM से छेड़छाड़
पूछताछ करने पर आरोपियों ने बताया कि वो सभी उत्तर प्रदेश के रहने वाले है और अलग-अलग राज्यों में जाकर एसबीआई के एटीएम बूथ से दूसरे बैंको के एटीएम कार्ड से पैसा निकालते है. पैसा निकलते समय एटीएम मशीन में छेड़खानी कर मशीन से पैसा बाहर निकल जाता है. इस दौरान एटीएम के विंडो स्क्रीन पर दिस इज टेंपरेरी आउट ऑफ सर्विस लिख जाता है. जिससे पैसे निकलने का हिसाब बैंक वालों के पास नहीं पहुंचता और कम्प्यूटर में एरर दिखाता है. जिसके बाद आरोपी कस्टमर केयर नंबर पर कॉल कर रकम एटीएम मशीन में फंस जाने और रकम नहीं मिलने की शिकायत कर देते है. सात दिन के भीतर जितना रकम निकालते है, उतना ही रकम फिर से खाते में जमा हो जाता है.
चार आरोपी गिरफ्तार
पुलिस ने आरोपी अजीत कुमार निषाद (25 वर्ष), आदेश कुशवाहा (27 वर्ष), अंकित कुमार निषाद (22 वर्ष) और बाबू सिंह निषाद (20 वर्ष) को गिरफ्तार किया है, जो कि उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिले के रहने वाले है. इनके पास से 30 हजार नगद, 12 नग एटीएम, मोबाइल और घटना में इस्तेमाल कार को बरामद कर जब्त किया गया है. पुलिस ने सभी के खिलाफ धारा 420 का अपराध दर्ज कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया है.