रायपुर। छत्तीसगढ़ भाजपा कार्यालय में अमित शाह ने पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को संबोधित किया. उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन के अनुभवों को सामने रखते कहा कि बहुत कम आयु से मैं बीजेपी का कार्यकर्ता बना हूँ. जब समझ भी नहीं थी तब से कार्यकर्ता हूँ. पार्टी के सिद्धांत, पार्टी की कार्य पद्धति को समझने का प्रयास किया है. सभी राजनीतिक दलों में एक अकेली पार्टी है, जो विचारधारा के साथ राजनीति में आई है. कम्युनिस्ट पार्टी को छोड़ दें तो बाकी पार्टी परिवारवाद की पार्टी है. बीजेपी का राजनीति में आने का कारण विचारधारा थी, सत्ता कभी नहीं थी. छत्तीसगढ़ के कार्यकर्ता आते हैं कहते है सत्ता नहीं है यह कहकर दुखी होते है. लेकिन बीजेपी का कार्यकर्ता जब विपक्ष में होता है तभी खुश होता है. मैं भी छत्तीसगढ़ का कार्यकर्ता होता तो क्षुब्ध हो जाता. क्योंकि जैसा काम डॉक्टर रमन सिंह ने किया था उसे देखकर सत्ता जाने की कल्पना भी नहीं थी. हम वो पार्टी हैं जिसके संसद के भीतर दो सांसद रह गए थे. 400 कांग्रेसियों का टोला वहां हंसा था. आज स्थिति ये हो गई है कि कांग्रेस को विपक्ष में बैठने लायक सांसद भी नहीं मिले.
अमित शाह ने कहा कि जब विजय मिले तो राजीव गांधी की तरह अहंकारी नहीं होना है, जब हार मिले तो अटल-आडवाणी की तरह बनना है. चुनाव के वक़्त कांग्रेस ने लोक लुभावन वादे दिए, आदिवासी बहुल राज्य में चुनाव जीत गए लेकिन छह महीने में लोकसभा चुनाव में जनादेश बदल गया. छत्तीसगढ़ की जनता 6 महीने में ही कांग्रेस सरकार को पहचान गई. ये सिद्ध हो गया कि छत्तीसगढ़ बीजेपी का गढ़ है, इसे कोई नहीं छीन सकता. जनता ने आज हम विपक्ष का दायित्व दिया है. किसान, आदिवासियों के अधिकार के लिए संघर्ष करें. सरकार को बेनकाब करें. आलस किये बगैर जनता के बीच जाएं. जय, पराजय तो 90 के बाद सुनने आया, पहले तो हमारे भाग्य में सिर्फ पराजय ही थी. उस वक़्त कैसे काम किया हमारे नेताओं ने? उनकी काम की गति का कारण केवल और केवल हमारी विचारधारा थी. इसलिए एक बार नहीं बल्कि दो बार हमने केंद्र में सरकार बनाई. चुनाव का जय, पराजय बीजेपी का भाग्य तय नहीं कर सकता, यह हमारे कार्यकर्ताओं का पराक्रम तय कर सकता है छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार फिसड्डी सरकार है, जो वादे को पूरा करने में विफल रही.बीजेपी जब यहां सरकार में थी, तो चट्टान की तरह सरकार हर वर्ग के लिए खड़े रहती थी 2019 में जब मोदी सरकार बनी तो पूरे देश का विपक्ष एकजुट हो गया. 5 साल की जो सरकार चली थी उसमें बदलाव लाया गया. देश के 60 फीसदी गरीबों के घरों में आजादी के बाद फायदा पहुँचने का काम मोदी सरकार ने किया है. गरीब के पास घर नहीं था, शौचालय नहीं था, बैंक खाता नहीं था, बिजली नहीं थी, गैस कनेक्शन नहीं था. मोदी सरकार ने इन समस्याओं को समाप्त किया.
उन्होंने कहा कि यही 60 करोड़ लोग देश के विकास के साथ जुड़े. जब पेट मे खाना हो तभी सपने आते हैं, मोदी सरकार ने पेट का गड्ढा भर उस तबके को सपने दिए. ये 60 करोड़ बुद्धिधन जो देश के विकास के काम नहीं आता था, ये देश के विकास के सहभागिता बन गए – जब-जब कांग्रेस की सरकार थी तुष्टिकरण की नीति के तहत काम करती आई. देश की कोई रक्षा नीति नहीं थी. पाकिस्तान से आतंकी घुस आते थे, जवानों का सिर काटकर ले जाते थे कोई कहने वाला नहीं था. पुलवामा की घटना घटने के दस् दिन के भीतर पाकिस्तान में घुसकर आतंकियों को मार कराया. अमेरिका और इजरायल ही दो देश थे जो अपने जवानों की शहादत का इस तरह से बदला लेता था.मोदी के नेतृत्व में देश मे सुरक्षा का ये भाव जगाया गया.
उन्होंने कहा कि 2 ट्रिलियन डॉलर से बढ़कर हमारी अर्थव्यवस्था 3 ट्रिलियन डॉलर का बनाया. 2023 में हम 5 ट्रिलियन डॉलर वाला देश बनेंगे, राहुल गांधी सिर्फ तंज कसते हैं. देश के दलित,आदिवासी और पिछड़े तबके के लिए मोदी सरकार ने खूब काम किया.