रायपुर- अभनपुर में आत्महत्या करने वाले किसान को मानसिक रोगी करार दिए जाने वाले बयान पर बीजेपी ने सरकार को घेरा है. नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि इस बयान की निंदा की जानी चाहिए कि मृत किसान को मानसिक रोगी कहा जाए. ये किसान का मजाक उड़ाने जैसा है. उन्होंने कहा कि यह कैसी सरकार है, जो किसान के आत्महत्या करने के बाद उसे मानसिक रोगी कहती है, सीएम हाउस के सामने आग लगाकर जान देने वाले को मानसिक रोगी बताती है.मुझे लगता है कि यह सरकार ही मानसिक रोग से ग्रस्त है. कौशिक ने कहा कि राज्य में किसानों की दुर्दशा हो रही है. ये सरकार किसान हितैषी नहीं, किसान विरोधी सरकार है.
केंद्र के कृषि कानून को वापस लेने और राज्य में धान खरीदी 10 नवम्बर से शुरू किए जाने समेत कई मांगों को लेकर किसानों के आंदोलन पर धरमलाल कौशिक ने कहा है कि किसानों के बीच कांग्रेस भ्रम फैला रही है. केंद्र सरकार ने जो कानून बनाए हैं, वह किसानों के हितों के लिए है. राज्य सरकार यह बताए कि आखिर यहां क्यों किसान आत्महत्या कर रहे हैं? नकली खाद, नकली बीज, नकली दवा का मुद्दा हम उठाते रहे हैं, बावजूद इसके कार्यवाही क्यों नहीं की गई? धरमलाल कौशिक ने धान खरीदी में लेटलतीफी पर कहा कि जब तक राज्य में रमन सरकार थी. धान खरीदी 1 नवंबर से शुरू हो जाती थी. खरीदी के साथ ही किसानों के खातों में पैसा चला जाता था. राज्य में अक्टूबर से धान कटना शुरू हो गया है, लेकिन इसकी खरीदी शुरू नहीं की गई है. जब सरकार को मालूम है कि धान खरीदी करनी है, तो बारदाने की उपलब्धता पहले क्यों नहीं कर ली गई? उन्होंने कहा कि सरकार दरअसल किसानों से कम धान खरीदना चाहती है. सरकार चाहती है कि किसानों को उनके हक से वंचित रखा जाए. सरकार को उन्हें पैसा न देना पड़े.
इधर पूर्व कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि, राज्य का किसान बेहद नाराज है. परेशान है. किसानों ने मांग की थी कि धान खरीदी एक नवम्बर से शुरू कर दिया जाए, लेकिन ये सरकार है कि टस से मस नहीं हो रही. दीवाली के समय किसानों के घरों में अंधेरा होगा. बोनस की चौथी किस्त भी दीवाली में नहीं मिलेगी.