रायपुर- छत्तीसगढ़ बीजेपी में सब कुछ ठीक ठाक नहीं चल रहा है. संगठन के भीतर पैर पसारती गुटबाजी की शिकायत आलाकमान तक जा पहुंची है. विधानसभा के हालिया बजट सत्र तय वक्त से पहले खत्म हो जाने से प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी भी खासी खफा है. पिछले दिनों दौरे पर आईं प्रदेश प्रभारी ने पार्टी के तीन प्रमुख पदाधिकारियों के साथ बंद कमरे में हुई चर्चा में इस बात पर नाराजगी जताई कि सरकार को घेरने का एक बड़ा मौका पार्टी के विधायकों ने हाथ से जाने दे दिया.
बीजेपी के भरोसेमंद सूत्र बताते हैं कि बंद कमरे में हुई चर्चा के दौरान डी पुरंदेश्वरी ने सख्त लहजे में कहा कि असम चुनाव का प्रभार कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री को दिया है. यह जानते हुए भी पार्टी के विधायकों ने जन समस्याओं और भ्रष्टाचार के मुद्दों पर उन्हें घेरने की कोशिश क्यों नहीं की? उन्होंने यह सवाल भी पूछा कि, क्या पार्टी के कुछ विधायकों की सत्तापक्ष के साथ सांठ-गांठ है?
बता दें कि बजट सत्र स्पीकर की व्यवस्थाओं से नाराज होकर बीजेपी विधायकों ने अनुदान मांग पर हुई चर्चा का बहिष्कार कर दिया था. विधायक केवल प्रश्नकाल और शून्यकाल में हिस्सा लेते रहे. नतीजतन 26 मार्च तक चलने वाली विधानसभा 10 मार्च को ही खत्म हो गई. बताते हैं सदन की कार्यवाही बाधित करने और चलाने को लेकर विधायक दल बंटा हुआ था. सदन की कार्यवाही खत्म होने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी बीजेपी विधायकों पर तंज कसते हुए कहा था कि, विपक्षी विधायकों में गुटबाजी हावी रही.