सत्यपाल सिंह,रायपुर। कोरोना काल के बाद छत्तीसगढ़ में 2 अगस्त से स्कूल खुल गए हैं. दावा किया गया था कि स्कूल खोलने की तैयारी पूरी कर ली गई है, लेकिन लोक शिक्षण संचालनालय की जारी पत्र से स्पष्ट है कि अभी तक स्कूलों में पुस्तक नहीं पहुंचा है. ऐसे में स्कूल संचालक परेशान हैं. साथ ही पालक अपने बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित है. अब सवाल उठ रहा है कि बच्चों को पुस्तक मिला ही नहीं तो पढ़ाई कैसे करेंगे ?
प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष राजीव गुप्ता ने कहा कि अब तक प्रदेश भर में 20% पुस्तक का वितरण नहीं हुआ है. यह बेहद चिंताजनक है. स्कूल के नए सत्र का प्रारंभ हो गया है, लेकिन पुस्तक के बिना विद्यार्थी कैसे पढ़ेंगे. चाहे ऑनलाइन की बात हो या ऑफलाइन की, बगैर पुस्तक पढ़ाई संभव नहीं है. प्राइवेट सेक्टर को कक्षा 1 से 10वीं तक की पुस्तक दिया जाता है, लेकिन अभी वितरण करने में एक महीने से ज़्यादा समय लगेगा.
शिक्षा विभाग ने पत्र जारी करते हुए स्पष्ट कर दिया है कि प्राइवेट स्कूलों और अनुदान प्राप्त स्कूलों को पुस्तक 30 सितंबर तक वितरण किया जाएगा. कक्षा 1 से 10वीं तक विद्यार्थियों के लिए पुस्तक भेजा जाएगा. गौरतलब है कि प्रदेश में 56 लाख से ज़्यादा विद्यार्थी है. जिसमें लगभग 12 लाख विद्यार्थी प्राइवेट स्कूलों में अध्ययनरत हैं. ऐसे में प्राइवेट सेक्टर के 12 लाख विद्यार्थियों को अपनी क्लास की पुस्तक के लिए एक मही और इंतजार करना पड़ेगा.
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