दुर्ग. स्कूली शिक्षा के साथ ही रोजगारोन्मुखी हुनर छात्र-छात्राओं को दिलाने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर पाटन आईटीआई में आयोजित कार्यक्रम में शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में रोजगारोन्मुखी शिक्षा की शुरूआत की.

  पाटन में छात्राएं स्टेनोग्राफी का कोर्स और छात्र वेल्डिंग का कोर्स कर सकेंगे. हायर सेकेंडरी के सर्टिफिकेट के साथ ही उन्हें आईटीआई का प्रमाणपत्र भी दिया जाएगा. मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर विश्वकर्मा जयंत की बधाई देते हुए कहा कि छात्राओं के लिए उच्च शिक्षा का विकल्प भी उपलब्ध रहेगा और अपने लिए व्यवसाय अथवा रोजगार का हुनर भी. रोजगारोन्मुखी हुनर होने से वे पहले से अधिक आत्मविश्वास से भरकर मेहनत कर पाएंगे.

मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि हमारी सरकार के लिए शिक्षा की गुणवत्ता और इसके पश्चात रोजगारमूलक गतिविधियों का सृजन प्राथमिकताओं में से हैं. हमारे बच्चे बेहद प्रतिभाशाली होने के बावजूद कई बार अंग्रेजी की कमी की वजह से पीछे रह जाते थे. स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल के माध्यम से हमने यह जरूरत पूरी की. इसका काफी अच्छा प्रतिसाद मिला, अभिभावकों ने कहा कि घर के पास इतनी अच्छी गुणवत्तायुक्त शिक्षा की सुविधा बच्चों को मिली है यह बहुत अच्छा कदम है. इसके साथ ही हमने हिंदी माध्यम में भी स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल आरंभ करने का निर्णय लिया है.

कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने व्यावसायिक शिक्षा को लेकर जिले में की जा रही अन्य पहल की जानकारी कार्यक्रम में दी. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री के विजन के अनुसार ग्यारहवीं कक्षा के बच्चों को एक व्यावसायिक कोर्स का प्रावधान किया गया है.

ग्यारहवीं के बच्चे दो लैंग्वेज में से एक लैंग्वेज तथा एक व्यावसायिक कोर्स ले सकते हैं. उन्होंने बताया कि इन कोर्स के लिए लैब बना लिया गया है और 80 छात्र-छात्राओं का चयन किया गया है. दुर्ग कृषि उपज मंडी के अध्यक्ष अश्विनी साहू ने भी इस अवसर पर अपने संबोधन में इस पहल के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि यह पहल रोजगारोन्मुखी शिक्षा की दिशा में बहुत उपयोगी होगी.