CG Budget 2023: रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा का बजट सत्र के दौरान 6 मार्च को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल वर्ष 2023-24 का बजट प्रस्तुत करेंगे. सरकार के अंतिम बजट की ओर प्रदेश के सभी वर्गों की निगाहें लगी हुई हैं. लोगों की भावना से परिचित भूपेश बघेल ने भी लोगों के भरोसे के बजट होने की बात कह चुके हैं. आइए जानते हैं कि छत्तीसगढ़ के पहले पेपरलेस बजट में किन विषयों को किया समाहित किया जा सकता है.

सीएम भूपेश बघेल गृह विभाग, कृषि, स्वास्थ्य रोजगार, संबंधित विभागों के अलग-अलग मंत्रियों और अफसरों से रायशुमारी कर बजट का अंतिम स्वरूप तैयार कर चुके हैं. इस बात की पूरी संभावना है कि वर्तमान सरकार का यह अंतिम बजट कई मायनों में ऐतिहासिक होगा.

इसमें पिछली बार सत्ता के शिखर पर पहुंचाने वाले किसानों के लिए बड़े ऐलान की उम्मीद की जा रही है. कयास लगाए जा रहे हैं कि धान के अलावा अन्य खाद्यान्न के समर्थन मूल्य को लेकर मुख्यमंत्री बड़ा तोहफा दे सकते हैं. इसके अलावा खेती-किसानी से जुड़े विषयों – जिनमें कृषि उपकरणों के साथ-साथ सिंचाई के उपकरणों पर करों में छूट देने के साथ-साथ सब्सिडी में बढ़ोतरी का ऐलान कर सकते हैं.

किसानों के बाद दूसरा कोई बड़ा वर्ग सरकार से उम्मीद लगाए हुए है तो वह है अनियमित – संविदा कर्मचारी हैं. कयास लगाए जा रहे हैं कि भूपेश बघेल बजट में इन तमाम कर्मचारियों के नियमितिकरण की राह खोल सकते हैं. इसके अलावा युवाओं के लिए रोजगार सृजन करते हुए नियुक्तियों की घोषणा कर सकते हैं.

बेरोजगारों के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गणतंत्र दिवस पर 2500 रुपए भत्ता देने का ऐलान कर चुके हैं, इसे अमल में लाने के लिए बजट में राशि का प्रावधान किया जा सकता है. इसके अलावा युवाओं के लिए स्टार्टअप स्कीम और इनोवेशन सेंटर की बात भी शामिल किए जाने के आसार हैं.

बजट में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए स्कीमों का ऐलान किया जा सकता है. इसमें गणतंत्र दिवस पर किए गए व्यापार उद्योग स्थापित करने के लिए महिला उद्यमियों, महिला व्यवसायियों और महिला स्टार्ट अप के लिए नवीन योजना की शुरुआत करने की घोषणा की बारीक बातों को शामिल किया जाएगा.

बजट में आदिवासी वर्ग को साधने के लिए अलग से घोषणा किए जाने के आसार हैं. मुख्यमंत्री इस बात का संकेत अपने गणतंत्र दिवस के भाषण में कर चुके हैं, जिसमें बस्तर संभाग, सरगुजा संभाग और प्रदेश के अनुसूचित क्षेत्रों में आदिवासी समाज के पर्वों के आयोजन के लिए हर ग्राम पंचायत को प्रतिवर्ष 10 हजार रुपए देने का ऐलान शामिल है.

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