रायपुर- मुख्यमंत्री डाॅ.रमन सिंह ने कहा कि मेरी बेटी और बेटा शिशु मंदिर में पढ़े-लिखे हैं. बेटी सफल डाॅक्टर हैं और बेटे ने एमबीए किया है….उन्होंने कहा कि काॅन्वेंट का तमगा लगा मोटी फीस वसूलने से शिक्षा में गुणवत्ता नहीं आ जाती.

डाॅ.रमन सिंह ने बलरामपुर कलेक्टर अवनीश शरण की बेटी का सरकारी स्कूल में किये गए दाखिले का जिक्र करते हुए कहा कि कलेक्टर ने अद्भूत उदाहरण पेश किया है. उन्होंने पहले अपनी बेटी को सरकारी आंगनबाड़ी में भेजा और अब सरकारी स्कूल में दाखिला कराया. मुख्यमंत्री ने नसीहत देते हुए कहा- उच्च पदों पर बैठे लोग ऐसे आगे आएंगे, तो सरकारी स्कूलों पर लोगों का भरोसा बढ़ेगा. 

दरअसल मुख्यमंत्री डाॅ.रमन सिंह स्कूली बच्चों को संपर्क फाउंडेशन द्वारा तैयार स्कूली कीट दिए जाने के कार्यक्रम में पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने काॅन्वेंट स्कूल पर जमकर निशाना साधा. डाॅ.रमन सिंह ने कहा कि मैं जानता हूं कि प्रायवेट स्कूलों के शिक्षकों ने कितनी पढ़ाई की है. प्रायवेट स्कूल के शिक्षक कितना जानते हैं. उन्होंने कहा कि जरूरत है तो बस बच्चों में आत्मविश्वास दूर करने की. झिझक दूर करने की, ये दूर हो गई, तो फिर गणित हो या फिर इंग्लिश कोई भी आगे बढ़ने से नहीं रोक पाएगा. शो-काॅल्ड काॅन्वेंट स्कूल बस इतना ही करते हैं.


मुख्यमंत्री डाॅ.रमन सिंह ने कहा कि प्रदेश के गांव-गांव में सरकारी स्कूलों में बच्चों के नहीं जाने का कारण क्या था, जो आत्मविश्वास समय के साथ आ जाना चाहिए था, वो नहीं आ पाया. संपर्क फाउंडेशन द्वारा तैयार एजुकेशनल कीट के जरिए गांव-गांव में प्रायमरी एजुकेशन में बच्चों में अद्भूत आत्मविश्वास आया है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में एपीजे अब्दुल कलाम शिक्षा गुणवत्ता वर्ष अभियान चलाया गया. इस अभियान में शिक्षक, पालक, सभी जनप्रतिनिधियों की बड़ी भूमिका रही. मुख्यमंत्री से लेकर सांसदों- विधायकों ने भी स्कूलों को गोद लिया. शिक्षक बनकर बच्चों के बीच पढ़ाने पहुंचे. शिक्षा गुणवत्ता के लिए अहम सुझाव भी सामने आए. इस अभियान को दिशा देने में संपर्क फाउंडेशन की बड़ी भूमिका रही.

फाउंडेशन ने वादा किया था कि प्रदेश के प्रायमरी एजुकेशन में बड़ा बदलाव लाएंगे. संपर्क फाउंडेशन की मेहनत का नतीजा है कि प्रदेश के शिक्षकों और बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ा है. पहले शिक्षक भी संकोच करते थे. फाउंडेशन के ट्रेनिंग माड्यूल के जरिए 98 फीसदी शिक्षकों ने इंग्लिश की ट्रेनिंग ली है.

डा.रमन सिंह ने कहा कि प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता बेहतर हुई है. प्रयास और उड़ान जैसी संस्थाओं के बच्चों का ही चयन आईआईटी, मेडिकल की परीक्षाओं में हो रहा है. ये बच्चे किसी प्रायवेट या काॅन्वेंट स्कूल के नहीं है, बल्कि सरकारी स्कूलों में पढ़-लिखकर आगे बढ़े हैं.

मैं पांच मिनट पहले आ गया, तो कईयों को दिक्कत हो गई- डाॅ.रमन सिंह

मुख्यमंत्री डाॅ.रमन सिंह ने कहा कि मैं बाकि कार्यक्रमों में पांच-दस मिनट की देरी से जाता हूं. कभी घड़ी देखकर नहीं निकलता, लेकिन बच्चों के ऐसे कार्यक्रमों में आने के लिए मेरी नजर बार-बार मेरी घड़ी पर जा रही थी.

यही वजह है कि मैं इस कार्यक्रम में शामिल होने जल्दी निकल गया और पांच मिनट पहले ही पहुंच गया. मेरे पहले पहुंचने से यहां कईयों को दिक्कत हो गई.

छत्तीसगढ़ का परफारमेंस सबसे बेहतर- विनीत नायर

संपर्क फाउंडेशन के संस्थापक विनीत नायर ने कहा कि आज उनका फाउंडेशन 77 हजार बच्चों को लेकर काम कर रहा है. देश के कई राज्यों में उनकी संस्था काम कर रही है. लेकिन उन तमाम राज्यों में से छत्तीसगढ़ एक ऐसा राज्य हैं, जहां प्रायमरी एजुकेशन को लेकर सबसे बेहतर काम किया गया. छत्तीसगढ़ का परफारमेंस सबसे बेहतर रहा है.

स्कूल शिक्षा मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि छत्तीसगढ़ में शिक्षा की बुनियाद मजबूत हो सके इस दिशा में सरकार काम कर रही है. यही वजह है कि हर साल स्कूल शिक्षा का बजट बढ़ाया जा रहा है. सरकार की कोशिश का नतीजा अब देखने को मिल रहा है. बस्तर के सुदूर इलाकों के बच्चे आईआईटी, मेडिकल के लिए चुने जा रहे हैं.

दिल्ली में सरकार ने जो ट्रायबल हाॅस्टल बनाया है, वहां रहकर तीन बच्चों यूपीएससी की परीक्षा के लिए चुने गए. किसी ने इस बात की कल्पना कभी नहीं की थी, कि नक्सलप्रभावित क्षेत्रों के बच्चे यूपीएससी जैसी परीक्षाओं के लिए चुने जाएंगे.  कार्यक्रम के दौरान स्कूल शिक्षा सचिव विकासशील ने संपर्क कीट को लेकर प्रेजेंटेशन दिया.

इस दौरान मुख्यमंत्री डाॅ.रमन सिंह ने संपर्क कीट, अंग्रेजी कीट, गणित और अंग्रेजी के लिए अभ्यास पुस्तिका, संपर्क मोबाइल कीट की लांचिंग की.  कार्यक्रम में धावेंद्र साहू को बेहतर शिक्षा और बेहतर भविष्य के लिए माध्यमिक शिक्षा मंडल ने 1 लाख 66 हजार रूपए की सहायता राशि भी दी.