रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने लोगों को सस्ती दरों पर और आसानी से बिजली देने के लिए एक बड़ी योजना लागू की है. जवाहर लाल नेहरू नेशनल सोलर मिशन योजना अंतर्गत छत्तीसगढ़ राज्य में वर्ष 2022 तक सौर ऊर्जा के माध्यम से 600 मेगावॉट क्षमता के विद्युत उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इस महात्वाकांक्षी योजना को पूरा करने के लिए राज्य में मुख्यमंत्री सौर शक्ति योजना (मोर छत मोर बिजली योजना) लागू की गई है. भूपेश सरकार द्वारा चालू वित्तीय वर्ष के दौरान 50 मेगावॉट के सौर संयंत्र की स्थापना का लक्ष्य रखा गया है.

नई सरकार के गठन होते ही क्रेडा के प्रस्ताव के अनुसार छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग द्वारा सोलर रूफटॉप रेग्यूलेशन में संशोधन कर नेट मीटरिंग रेग्यूलेशन लागू किया गया है. नेट मीटरिंग लागू होते ही सोलर बिजली उत्पादन से जुड़ी हुई इकाईयों एवं उपभोक्ताओं में हर्ष का माहौल है. सभी संबंधित पक्षों द्वारा नई सरकार के इस कदम की सराहना की गई है. नवीन (संशोधित) रेग्यूलेशन अनुसार अब 01 किलोवॉट से 01 मेगावॉट क्षमता तक के ग्रिड कनेक्टेड सौर संयंत्र स्थापित कर हितग्राही उत्पादित विद्युत का स्वयं उपभोग कर सकेगा तथा ग्रिड में प्रवाहित विद्युत का नेट मीटरिंग के माध्यम से विद्युत देयक में समायोजित होगा. इस प्रणाली से हितग्राही के विद्युत व्यय में बचत होगी एवं उसे सस्ती दर बिजली उपलब्ध हो सकेगी.

पूर्व में ग्रिड कनेक्टेड रेग्यूलेशन के तहत 10 किलोवॉट से अधिक क्षमता के संयंत्र ही संयोजन के लिए पात्र थे एवं ग्रिड में प्रवाहित विद्युत का समायोजन नियामक आयोग द्वारा निर्धारित लेवलाईज्ड टैरिफ का 50 प्रतिशत की दर से किया जाता था जिससे हितग्राही को उचित लाभ प्राप्त नहीं होता था। इसके कारण सोलर के क्षेत्र में आम उपभोक्ता रूचि नहीं दिखाते थे। इसको ध्यान में रखते हुए क्रेडा के द्वारा विस्तृत कार्ययोजना बनाई गई एवं प्रचलित प्रावधानों में संशोधन हेतु प्रस्ताव शासन के समक्ष रखा गया। भूपेश सरकार के आते ही इस दिशा में तेजी से कार्य किया गया। माननीय मुख्यमंत्री एवं ऊर्जा मंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा शीघ्र ही सस्ती दरों पर एवं आसानी से सोलर बिजली प्रदान करने के निर्देश दिये गए। तद्उपरांत क्रेडा द्वारा इस हेतु शीघ्रता से प्रयास किया गया। सरकार की सकारात्मक सोच के चलते हुए विद्युत नियामक आयोग द्वारा रेग्यूलेशन में नेट मीटरिंग का प्रावधान किया गया है।

अब सभी वर्ग के हितग्राही सौर संयंत्र की स्थापना कर अधिक से अधिक विद्युत व्यय में बचत कर सकेंगे। नवीन नेट मीटरिंग रेग्यूलेशन के अनुसार सभी वर्ग के विद्युत उपभोक्ता अपनी विद्युत भार क्षमता के बराबर संयंत्र की स्थापना कर सकेंगे।

इच्छुक हितग्राही को सोलर रूफटॉप संयंत्र स्थापना की अनुमति एवं ग्रिड संयोजन हेतु छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी मर्यादित की वेबसाईट/वेब पोर्टल में आवेदन करना होगा। विद्युत मंडल द्वारा 07 दिवस के भीतर तकनीकी मंजूरी प्रदान की जावेगी तथा संयंत्र स्थापना उपरांत सूचना प्राप्त होने पर अधिकतम 15 दिवस के भीतर विद्युत मंडल द्वारा सौर संयंत्र का निरीक्षण कर ग्रिड संयोजन किया जाएगा। नवीन रेग्यूलेशन के अनुसार ग्रिड संयोजन हेतु हितग्राही को अब किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं देना होगा।

इस प्रक्रिया के सफल क्रियान्वयन हेतु छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी मर्यादित द्वारा डिस्ट्रीब्यूटेड सोलर एनर्जी सेल का गठन किया जाएगा, जो कि सभी संबंधितों से आवश्यक समन्वय करेगा।

क्रेडा द्वारा प्रदेश के शासकीय भवनों में इस योजना का लाभ प्रदान किये जाने की दृष्टि से प्रथम चरण में लगभग 300 शासकीय भवनों का चयन किया गया है जिसमें कुल 15 मेगावॉट क्षमता के ग्रिड कनेक्टेड सौर संयंत्र की स्थापना रेस्को प्रणाली के अंतर्गत किया जाना प्रस्तावित है। रेस्को प्रणाली के तहत् हितग्राही संस्था/ विभाग को प्रारंभिक व्यय नहीं करना होगा। चयनित स्थापनाकर्ता इकाई द्वारा हितग्राही संस्था/ विभाग की छत पर सौर संयंत्र की स्थापना की जावेगी तथा निविदा उपरांत निर्धारित दरों पर अगले 25 वर्षों तक विद्युत क्रय अनुबंध के तहत् हितग्राही संस्था/ विभाग को विद्युत विक्रय करेगा। उत्पादित विद्युत की राशि विद्युत मंडल द्वारा हितग्राही से वसूल कर स्थापनाकर्ता इकाई को भुगतान की जाएगी।

इस प्रकार की प्रणाली देश में पहली बार छत्तीसगढ़ राज्य में लागू की जा रही है। हितग्राही एवं स्थापनाकर्ता इकाई के हितलाभ की दृष्टि से इस प्रणाली का प्रयोग सफल होने की प्रबल संभावना है।

चयनित शासकीय भवनों में रेस्को प्रणाली के अंतर्गत ग्रिड कनेक्टेड सौर संयंत्र स्थापना हेतु निविदा जारी करने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। ग्रिड कनेक्टेड सौर संयंत्र की स्थापना से हरित ऊर्जा का उत्पादन कर परंपरागत विद्युत स्त्रोतों पर निर्भरता कम की जा सकेगी।

क्रेडा के द्वारा अभी तक लगभग 45 मेगावॉट कुल क्षमता के रूफटॉप सोलर पॉवर प्लांट की स्थापना की जा चुकी है। ज्ञात हो कि क्रेडा के माध्यम से स्थापित विभिन्न प्रकार के अपारंपरिक स्त्रोतों से 783 मेगावॉट क्षमता के संयंत्रों से विद्युत का उत्पादन किया जा रहा है।