पहाड़ों पर हो रही लगातार बर्फबारी का असर सभी राज्यों देखा जा सकता है. इससे प्रदेश भी अछूते नहीं हैं. नए साल की शुरुआत के साथ ही पूरे इलाके में पारे में लगातार गिरावट देखी जा रही है. मौसम की इस मार से न केवल इंसान बल्कि फसलों पर भी खतरा मंडराने लगा है. कृषि मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि अभी सप्ताह भर इसी तरह कोहरा छाया रहेगा. पारा और भी गिरने की उम्मीद है, जिससे ठंड बढ़ जाएगी.

शीतलहर बढ़ने की संभावना है. किसान इस मौसम में फसलों को बचाकर चल रहे हैं. सबसे ज्यादा डर सब्जियों और चना फसलों को झुलसा रोग लगने का खतरा है. किसान फसलों पर दवाओं का छिड़काव भी कर रहे हैं. इंसानों की तरह मवेशियों को भी मौसम की मार झेलनी पड़ती है. ठंड से वे भी उतने ही प्रभावित होते हैं जितने की इंसान. ऐसे में मवेशियों की सेहत का पूरा ध्यान रखा जाना चाहिए. Read More – Today’s Recipe : अब कढ़ाई पर आसानी से बनाएं Garlic Bread, ओवन की नहीं पड़ेगी जरूरत …

लेकिन इस कड़ाके की ठंड का फायदा एक फसल पूरा-पूरा उठा रही है. वह है गेहूं की फसल. गेहूं के लिए यहां ज्यादा है कितनी भी ठंड हो, पाला पड़े पर गेहूं के पौधे झुलसते नहीं बल्कि ज्यादा ठंड में और निखर जाते हैं.

ओस होगी लाभदायक

आने वाले दिनों में कोहरा और ओस बढ़ने की संभावना है. ऐसे में तापमान तेजी से गिर सकता है. लेकिन पारा तेजी से गिरे तो पाला फसलों को चौपट करता है. कोहरा फसलों के लिए लाभदायक है. जहां सरसों की फसल में फूल गिर गए हैं, उनके लिए कोहरा फायदेमंद है. जबकि सरसों में 50 प्रतिशत से अधिक फूल रहने पर सफेद रोली रोग लगने की आशंका रहती है. गेहूं, जौ के लिए कोहरा फायदेमंद है. कोहरे से पाला पड़ने की संभावना कम रहती है. वही अगर शीतलहर या पाला पड़ने लगे तो सब्जी और अन्य रबी की फसलों को भारी नुकसान होता है. Read More – बालों को शैम्पू करें पर ये गलतियां करने से बचें, नहीं तो जल्दी बाल हो जाएंगे खराब और कमजोर …

पाले से कैसे करें बचाव

रात के समय पौधों को प्लास्टिक से ढंक दें. इससे फसलें शीतलहर और पाले से बच जाती हैं. खेतों में उगाए गए फलदार पौधे या सब्जियों को फूस की बनी टाट या पुआल से ढंक सकते हैं. ध्यान रखें कि टाट भारी न हो, वरना पौधों के टूटने का खतरा रहता है.

प्रदेश में बढ़ा है गेहूं का रकबा

छत्तीसगढ़ सरकार ने धान की खेती के बजाय गेहूं और दलहन का उत्पादन बढ़ाने का लक्ष्य रखा है. सरकार ने भी सिंचित क्षेत्रों में गेहूं की खेती को बढ़ावा देने के निर्देश दिए है. कृषि विभाग ने रबी सीजन 2022-23 के लिए निर्धारित फसल बुआई कार्यक्रम के तहत गेहूं, चना, मटर समेत की खेती के लिए प्रेरित किया है. कृषि विभाग के मुताबिक, इस रबी सीजन में गेहूं का रकबा 70 हजार हेक्टेयर बढ़ा दिया गया है. इस साल करीब 2 लाख 90 हजार हेक्टेयर में गेहूं की बुवाई हुई है.