रायपुर. दिल्ली की ओर टकटकी लगी हुई है. दावेदार उम्मीदों से भरे हुए हैं. बस्तर से सरगुजा तक के कांग्रेसियों में बेचैनी है. अध्यक्ष भी चैन से नहीं सो पा रहे हैं. बस्तर से रायपुर, रायपुर से दिल्ली तक लगातार आ-जा रहे हैं. शेष 5 सीटों का पेंच वे भी नहीं समझा पा रहे हैं. यहां तक मीडिया वाले भी हवा में ही अनुमान लगा रहे हैं. क़यासों के बीच कई नामों की चर्चा है, लेकिन जिन नामों की चर्चा है वो सिर्फ़ चर्चा में हैं ऐसा भी नहीं. चर्चा के आगे भी बात कुछ सीटों पर आगे बढ़ी है.

जैसे – सरगुजा से पूर्व मंत्री तुलेश्वर सिंह की बेटी शशि सिंह के नाम पर अधिकतर नेताओं ने अपनी सहमति जता दी है. चर्चा है कि टीएस सिंहदेव का भी समर्थन शशि सिंह के नाम पर है. बावजूद इसके टिकट का ऐलान नहीं हो सका है, क्योंकि पूर्व मंत्री प्रेम साय सिंह और अमरजीत भगत की दावेदारी यहां मजबूती से है.

इसी तरह से कांकेर से बीरेश ठाकुर का नाम तय बताया जा रहा है. बीरेश ठाकुर 2019 के लोकसभा चुनाव बहुत कम अंतर से हारे थे. अधिकतर नेता बीरेश के पक्ष में हैं, लेकिन बीरेश ठाकुर के साथ ही पूर्व मंत्री मोहन मरकाम, विधायक अनिला भेड़िया और पूर्व विधायक लक्ष्मी ध्रुव के नाम चर्चा में होने से पेंच फंस हुआ है.

वहीं बस्तर में हरीश लखमा का नाम आगे है. हरीश पूर्व मंत्री और विधायक कवासी लखमा के बेटे हैं. बेटे को टिकट दिलाने लखमा ने दिल्ली तक दौड़ लगा दी है. छत्तीसगढ़ कांग्रेस का एक मजबूत गुट हरीश के समर्थन में खड़ा है, लेकिन मौजूदा सांसद और प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज का नाम शामिल होने से इस सीट पर घोषणा रुक गई है.

रायगढ़ सीट पर कई नेताओं की दावेदारी है, लेकिन सारंगढ़ राजपरिवार से आने वाली जयमाला देवी रेस में आगे चल रही हैं. वहीं पूर्व विधायक चक्रधर सिदार का नाम भी प्रमुखता क्रम में है. कुछ नाम भी चर्चा में शामिल हैं.

बिलासपुर सीट को लेकर सर्वाधिक माथापच्ची हुई है. पेंच यहां भी फंसा हुआ है. छत्तीसगढ़ से लेकर दिल्ली तक कई नेता टीएस सिंहदेव के नाम पर सहमत हैं, लेकिन सिंहदेव चुनाव लड़ने से इंकार कर चुके हैं. बावजूद दिल्ली में इस बात की चर्चा है कि उन्हें मना लिया जाएगा. सिंहदेव के बाद यादव समीकरण के मद्देनज़र कई बार के पार्षद विष्णु यादव नाम लिया जा रहा है. साथ ही भिलाई नगर विधायक देवेन्द्र यादव के नाम को भी रखा गया है.

वैसे इन नामों के अतिरिक्त कोई और नाम सामने आ जाए तो चकित होने की जरूरत नहीं है, क्योंकि छत्तीसगढ़ से लेकर दिल्ली तक कांग्रेस प्रत्याशी चयन को लेकर उलझन में दिख रही है. फिलहाल सूची जारी होने का इतज़ार है. जब तक जारी नहीं होगा तब तक चर्चाओं का आनंद लेते रहे. क़यासों का दौर चलने दीजिए.

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