प्रदेश में पत्रकारों के साथ मारपीट की घटनाएं कम होने का नाम नहीं ले रही है. अपराधियों के हौंसले अब इतने बुलंद हो गए है कि वे पत्रकार को न केवल जान से मारने की धमकी देते है बल्कि पत्रकारिता न छोड़ने की भी बात कहते है. ये धमकी और मारपीट किसी और ने नहीं बल्कि कांग्रेस नेता और मनोनीत पार्षद द्वारा की गई है.

ये मामला पेंड्रा का है. यहां के पत्रकार मुकेश विश्वकर्मा 26 जनवरी को लगभग 12 बजे मल्टीपरपज स्कूल पेंड्रा में आयोजित गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम देख कर अपने निवास की ओर लौट रहे थे. रास्ते में आरोपी हर्ष छावरिया उर्फ हर्रु ने पत्रकार मुकेश विश्वकर्मा को आवाज देकर रुकवाया और उसके रुकने के बाद उसके मोटरसाइकिल की चाबी निकाल कर रख ली तथा गाली गलौज देकर कहा कि ‘तुम मुझे बहुत घूरता है और उसने फोन करके अपने साथियों को बुला लिया. आदतन अपराधी के बुलाने पर वहां पहुंचे उसके साथी सुशांत गौतम, श्रीकांत ताम्रकार एवं अन्य साथियों ने पत्रकार को घेरकर जमकर गाली-गलौज करते हुए धमकाने लगे. अपराधिक प्रवृत्ति के लोगों से घिरे पत्रकार ने घबराकर अपने अन्य पत्रकार साथियों को फोन पर जानकारी दी कि उसे इन लोगों द्वारा घेर लिया गया है. जिसके बाद हर्ष छावरिया एवं उसके साथियों ने मिलकर पत्रकार को बंधक बनाकर बलपूर्वक मल्टीपरपज पेंड्रा स्कूल की बाउंड्री वाल के अंदर ले गए जहां पहुंचने पर हर्ष छावरिया के बोलने पर श्रीकांत ताम्रकार के द्वारा पत्रकार के जैकेट से मोबाइल निकाल लिया गया ताकि वह पुलिस को फोन ना कर सके तथा सुशांत गौतम के साथ मिलकर उसके फोन की जांच करने लगे. पत्रकार को बंधक बनाए रखने के दौरान वहां आदतन अपराधी एवं उसके साथियों द्वारा उसके साथ लगातार गाली गलौज एवं जान से मारने की धमकी दी जाती रही’.

इस बीच आरोपी हर्ष छावरिया ने अपनी राजनीतिक पहुंच का हवाला देकर दबंगई करता रहा तथा 1 घंटे तक धमकाता रहा और कहता रहा कि तुम मेरे बारे में पुलिस को सूचना देते हो. तुम पत्रकारिता करोगे या जिंदा रहोगे यह मैं तय करूंगा तुमको जिसको बुलाना है बुला लो. बंधक बना पत्रकार 1 घंटे से भी ज्यादा समय तक आरोपी और उसके साथियों द्वारा प्रताड़ित होता रहा तभी पत्रकार अखिलेश नामदेव एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के पत्रकार दुर्गेश सिंह बिसेन मौके पर पहुंचे तो उनके साथ भी बदसलूकी की गई.

इस बीच इन पत्रकारों की सूचना पर पुलिस भी पहुंच गई और बंधक पत्रकार मुकेश विश्वकर्मा को उनके चंगुल से छुड़ाया परंतु हर्ष छावरिया द्वारा उनके सामने भी सभी पत्रकारों को जान से मारने की धमकी दी गई.

इस मामले में पत्रकार मुकेश विश्वकर्मा की शिकायत पर पेंड्रा पुलिस ने आरोपी हर्ष छावरिया उर्फ हरु उसके साथी सुशांत गौतम, नवीन विश्वकर्मा एवं श्रीकांत ताम्रकार सभी निवासी पेंड्रा के खिलाफ विभिन्न आपराधिक धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है.

घटना के बाद से आरोपी फरार बताया जा रहा है. लेकिन आरोपी की बातचीत लल्लूराम डॉट कॉम से हुई और उन्होंने दावा किया कि वे अपने घर पर ही है. वहीं आरोपी ने मारपीट की किसी भी घटना से इनकार किया. उन्होंने कहा कि उल्टे पत्रकार उन्हें लगातार धमकी देते है और बार-बार विज्ञापन के लिए दबाव बनाते है. उन्होंने इसे पत्रकारों के दो अलग-अलग गुटों में उन्हें घसीटने का भी दावा किया. उनका ये भी कहना था कि उन्होंने भी पेंड्रा थाने में उक्त पत्रकार के खिलाफ शिकायत की है.

पेंड्रा थाने की टीआई  युवराज के मुताबिक आरोपी हर्ष छावरिया के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. आरोपी की तरफ से भी शिकायत की गई है.

हर्ष छावरिया के खिलाफ पूर्व में भी मामले हैं दर्ज 

आरोपी हर्ष छावरिया ढाबे का संचालन करता रहा है तथा पूर्व में उसके द्वारा हाई स्कूल पेंड्रा के सामने पंजाब ढाबे का संचालन किया जा रहा था. जिस पर अवैध शराब बिक्री किए जाने के कारण वर्ष 2012 में आबकारी अमले के द्वारा बिलासपुर के सहायक आबकारी आयुक्त पीएल साहू के नेतृत्व में छापेमारी की कार्रवाई किए जाने के दौरान आबकारी विभाग की टीम पर हमला कर दिया गया था जिस पर पेंड्रा पुलिस ने आबकारी विभाग की शिकायत पर अपराध क्रमांक 231 भारतीय दंड विधान की धारा 186 ,353, 332, 323, 34 एवं 147 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया था. जिस पर आदतन अपराधी हर्ष छावरिया लंबे समय तक फरार रहा था और जिसके कारण न्यायालय के आदेश पर पंजाब ढाबा पर सीलिंग की कार्यवाही की गई थी। वह ढाबा आज पर्यंत तक न्यायालय के आदेश पर सील ही है तथा आदतन अपराधी हर्ष छावरिया जमानत पर हैं.