रायपुर। रमन सिंह के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि रमन सिंह जी को संविधान और संसदीय ढांचे की समझ ही नहीं है। रमन सिंह जी के इस बयान से खुलासा हो गया है कि 15 वर्षो के रमन सिंह जी के कार्यकाल में छत्तीसगढ़ में प्रशासनिक ढांचा क्यों गड़बड़ाया? रमन सिंह जी की संविधान के प्रति यही नासमझी इस गड़बड़ी के लिये जिम्मेदार है।
उन्होने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय संवैधानिक अधिकारों का संरक्षक है। मोदी सरकार ने अहंकार के चलते केन्द्रीय जांच एजेंसी के दुरूपयोग के उद्देश्य से संविधान में मनमाने विधी विरूद्ध संशोधन दुर्भावनावश किये हैं। संघीय व्यवस्था और राज्य सरकार के क्षेत्राधिकार पर अतिक्रमण के खिलाफ छत्तीसगढ़ सरकार का सर्वोच्च न्यायालय जाना सर्वथा उचित एवं आवश्यक है। मोदी सरकार द्वारा संविधान पर लगातार प्रहार के मामले में सुधार के लिये छत्तीसगढ़ सरकार न्यायालय गयी है। संविधान की सही व्याख्या सर्वोच्च न्यायालय का कार्य है।
मरकाम ने यह भी कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार यदि अपने संवैधानिक अधिकारों के लिये न्यायालय के शरण में गयी है तो यह तो संविधान और संघीय ढांचे के प्रति कांग्रेस सरकार के सम्मान का जीताजागता सबूत है। यदि राज्य सरकार अपने किसी अधिकार की स्थापना के लिये न्यायालय जाती है तो यह केन्द्र सरकार से टकराव नहीं है। संवैधानिक अधिकारों के लिये न्यायालय जाने को रमन सिंह जी द्वारा संघीय ढांचे पर प्रहार निरूपित करना पूरी तरह से गलत, अनुचित और आपत्तिजनक है। याचिका दायर करने को रमन सिंह जी द्वारा सर्वोच्च न्यायालय में राज्य के अधिकारों के लिये संघीय ढांचे पर प्रहार निरूपित करना कहा जाना रमन सिंह जी का बेहद सतही एवं गलत बयान है।