रायपुर। छत्तीसगढ़ में इन दिनों बीजेपी सरकार गाय के मुद्दे पर जबर्दस्त तरीके से घिर गई है। वजह इसके पीछे ये भी क्योंकि गाय की रक्षा को लेकर बीजेपी सरकार की ओर से कहा जाता कि गौ हत्या करने वाले को सुली पर लटका देंगे। लेकिन बीजेपी के नेता ही जब गौ हत्या फंस गए हैं तो सरकार सीधे तौर पर निशाने पर गई है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोहम्मद अकबर ने रमन सरकार इसे लेकर बड़ा सवाल खड़ा किया है। अकबर का कहना है कि छत्तीसगढ़ सरकार जब 2003 में सत्ता में आई तो गोरक्षा के नाम पर गौ सेवा आयोग बना दी। और यहीं से शुरू गौ सेवा के नाम पर गायों के साथ क्रूरता का खेल। अकबर का कहना है कि जिस गौ सेवा आयोग गठन किया गया उसमें पुलिस महानिदेशक को सदस्य बनाया गया। ताकि गौशालाओं की निगरानी बेहतर तरीके से होती रहे। लेकिन ऐसा हुआ नहीं। इसके साथ-साथ सरकार ने 4 कानून भी बनाए, लेकिन ये कानून गोवंश बद्ध से संबंधित था कानून में भूख से या क्रूरतापूर्वक गायों की मौत पर कोई कानून नहीं है। वहीं सजा का भी कोई विशेष प्रावधान नहीं है। 1960 में बनी कानून के मुताबिक 10 रुपये लेकर अधिकतम 25 रुपये तक जुर्माना रखा गया। बाद में सरकार ने 100 रुपये तक जुर्माना किया गया।
अकबर ने कहा कि यही वहज है कि जिला प्रशासन की जांच में भूखा रखकर गायों को मारने का बिंदु शामिल नहीं किया गया क्योंकि सरकार ने कानून ही नहीं बनाया इस पर। गौशाला के नाम पर सरकार की ओर से जैसे दुकाने खोल ली गई है। एक बाजार सजा लिया गया और उस पर गोरक्षक की बात कहने वाले लोग धंधा कर रहे हैं।