रायपुर। देशभर में 100 करोड़ डोज वैक्सीन लग गई है. इसे लेकर देशभर में कई जगह बीजेपी ने उत्सव कार्यक्रम रखा. इसी को लेकर विपक्ष ने निशाना साधा है. कांग्रेस ने कहा कि कोरोना वैक्सीन के 100 करोड़ डोज की आत्ममुग्धता से भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री बाहर निकलें, अभी तक देश की केवल 22 प्रतिशत आबादी को दोनों डोज के टीके लगे हैं.

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि आत्ममुग्धता से बाहर निकलकर मोदी और भाजपा आत्म अवलोकन करें. दुनिया के दो सबसे बड़ी वैक्सीन निर्माता कंपनियां हमारे देश की होने के बावजूद हम अपने नागरिकों के लिए राज्यों को टीके की आपूर्ति क्यों नहीं कर पा रहे हैं? भले ही हमने 100 करोड़ डोज टीके लगवा दिया, लेकिन आबादी के अनुपात में भारत चीन, अमेरिका, जर्मनी, ब्रिटेन जैसे देशों के मुकाबले अपने नागरिकों के टीकाकरण में काफी पीछे हैं. अभी तक देश की केवल 22 प्रतिशत आबादी को दोनों डोज टीके लगे हैं.

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि श्रेय लेने की होड़ में मोदी भूल रहे हैं. कुछ महीने पहले हमारे नागरिक इलाज, दवाई ऑक्सीजन के आभाव में मर रहे थे. लाशों का अंतिम संस्कार नहीं हो पा रहा था. इस भयावह सच्चाई से मुंह तोड़ कर काल्पनिक उत्सव मनाना हकीकत से मुंह मोड़ना होगा. प्रधानमंत्री मोदी यदि वैक्सीन के शुरूआती दौर में भारत के नागरिकों को वेक्सीन लगाने को प्राथमिकता में रखे होते तथा भारत में निर्मित वैक्सीन को दुनिया के दूसरे देशों को नहीं बांटे होते तो आज देश में वेक्सीनेशन का आंकड़ा कुछ और होता.

केंद्र सरकार वैक्सीन के लिए ठोस नीति शुरूआती दौर में ही बना लेती तो राज्यों में वेक्सीन की कमी नहीं होती. पहले मोदी सरकार ने राज्यों को सीधे वैक्सीन निर्माता कंपनियों से वैक्सीन खरीदने को बाध्य किया. केंद्र राज्य और निजी अस्पतालों के लिए वैक्सीन के अलग-अलग दाम निर्धारित किया गया, उसमें भी राज्यों को उसकी मांग के अनुसार वैक्सीन नहीं मिल रहा था, जिसके कारण भी वैक्सीन लगने में देरी हुई. वैक्सीन की उपलब्धता नहीं होने के कारण केंद्र ने दोनों डोज लगवाने के अंतर को अवैज्ञानिक तौर पर घटाया-बढ़ाया जिसका नुकसान देश की जनता को हुआ.

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य को उसकी क्षमता के अनुसार टीके दिए गए होते तो तीन से चार महीनें में राज्य की पूरी आबादी को दोनों डोज का टीकाकरण हो गया होता. छत्तीसगढ़ राज्य की एक दिन में तीन लाख लोगों को टीका लगाने की क्षमता है. राज्य को जब टीके की पूरी उपलब्धता हुई, एक दिन में तीन लाख टीके लगाकर प्रदेश ने रिकार्ड भी बनाया, लेकिन राज्य को केंद्र ने नियमित टीका उपलब्ध नहीं करवाया. उसके बावजूद राज्य ने 2 करोड़ से अधिक टीकों का डोज लगा कर देश के उत्कृष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्यों में स्थान बनाया है.

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