सुप्रिया पांडेय, रायपुर। काफी समय से खाली बैठे जलजीवन मिशन के ठेकेदार पीएचई विभाग में काम करने का मौका नहीं दिए जाने पर गुहार लगाने सीएम हाउस पहुंचे हैं. ठेकेदारों का कहना है कि 25 वर्षों से विभाग में काम कर रहे हैं, लेकिन अब उन्हें काम का मौका नहीं दिया जा रहा है, और दूसरी ओर नए ठेकेदारों को काम दिया जा रहा है.
ठेकेदार मुश्ताफ़ा मुशा ने बताया कि टर्नओवर के हिसाब से काम आबंटित किया जाए. नए ठेकेदार जो बाहर से आए है उनका अनुभव अनुभव देखे बिना उन्हें ज्यादा काम दिया जा रहा है. छत्तीसगढ़ के ठेकेदारों कोई प्राथमिकता नहीं दी जा रही है. उन्होंने कहा कि हम 25 वर्षों से इसी विभाग में काम कर रहे हैं, सब रेग्युलर ठेकेदार हैं, लेकिन बाहरी ठेकेदारों को बुलाकर उन्हें ज्यादा से ज्यादा काम दिया जा रहा है, जो अनुचित है. हमारी मांग है कि लोकल ठेकेदारों को काम दिया जाए, जिससे छोटे ठेकेदार भी काम कर अपना घर चला सकें.
वहीं ठेकेदार मोहम्मद काशिफ ने कहा कि हम बिना काम के बैठे हुए है, हम चाहते हैं कि री- मैपिंग करके हमें काम में आबंटित किया जाए, जिससे इस साल भारत सरकार से जो पैसा आया हुआ है, वह भी यूटिलाइज हो पाए. हम चाहते हैं कि जल्द ही काम शुरू हो. रोज इस उम्मीद में बैठे रहते हैं कि आज या कल में काम चालू होगा लेकिन कोई उम्मीद नजर नहीं आती.