सत्यपाल राजपूत, रायपुर। छत्तीसगढ़ में भी कोविड-19 टीकाकरण की तैयारियां जोरो पर हैं. पहले चरण के टीकारण के लिए भारत सरकार के निर्देशों के अनुरूप प्रदेश के सभी सरकारी और निजी स्वास्थ्य संस्थाओं में कार्यरत स्वास्थ्य कार्यकताओं का डॉटा-बेस तैयार कर लिया गया है. डॉटा-बेस में नाम शामिल होने का तात्पर्य यह नहीं है कि उनका अनिवार्यतः टीकाकरण किया जाएगा. इस संबंध में निर्णय भारत सरकार द्वारा लिया जाएगा.

लल्लूराम डॉट कॉम की टीम से बातचीत करते हुए राज्य वैक्सीन भंडार प्रभारी डॉ अमरजीत सिंह ठाकुर ने बताया कि टीकों के भंडारण एवं संधारण के लिए राज्य के पास पर्याप्त व्यवस्था है. इनके सुरक्षित संधारण के लिए अभी 530 कोल्ड-चेन प्वाइंट पहले से तैयार है, संचालति हो रहा है. साथ ही 80 नए कोल्ड-चेन प्वाइंट के लगातार काम जारी है. उन्होंने बताया कि प्रदेश में वर्तमान में टीकों की कुल संधारण क्षमता एक लाख से ज्यादा है जो कि आवश्यकता से 60 हजार लीटर अधिक है. इस क्षमता को और अधिक सुदृढ़ करने के लिए नया वॉक-इन-कूलर उपलब्ध कराया गया है.

वैक्सीन भंडार प्रभारी ने बताया कि टीकाकरण की तैयारी और सुचारू चलाने के लिए अंतर्विभागीय समन्वय के लिए राज्य टास्क फोर्स समिति का गठन किया गया है. सभी जिलों में भी जिला टास्क फोर्स समिति के गठन के आदेश दिये गए हैं. कोविड-19 टीकाकरण के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की मिशन संचालक राज्य नोडल अधिकारी होंगी तथा राज्य टीकाकरण अधिकारी सहायक नोडल अधिकारी होंगे. फिलहाल वैक्सीन के लिए कुछ गाईड लाईन जारी नहीं हुआ है. वर्तमान समय में सिर्फ वैक्सीन भंडारण का 25 प्रतिशत उपयोग हो रहा है.  भारत सरकार आगे कोरोना वैक्सीन के जो गाइडलाइन जारी होगा उसके मुताबिक आगे की व्यवस्था की जाएगी.

डीकेएस हॉस्पिटल के पीछे स्थित राज्य वैक्सीन भंडार में एक वॉल्क इन फ्रीजर जिसकी क्षमता 5760 लीटर है और दो वॉल्क इन कुलर है जिसमें एक कुलर की क्षमता 13400 लीटर है. दूसरे कुलर की क्षमता 16800 लीटर है, एक और नए कुलर लगाने की तैयारी की जा रही है, जिसमें सिर्फ 25 प्रतिशत स्टोरेज का उपयोग हो रहा है.

कोल्ड चैन प्रक्रिया

वैक्सीन निर्माता कंपनी से वैक्सीन डारेक्ट हवाई यातायात के माध्यम से +2 सेल्सियस से 8 डिग्री सेल्सियस पैकिंग में प्राथमिक भंडार जीएमएसडी एवं राज्य पहुंचता है, फिर वाताअनुकुलित वाहन से राज्य वैक्सीन भंडार में लाकर रखा जाता है, फिर इंसुलेटेड वैक्सिन भान से जिला वैक्सीन भंडार में पहुंचाया जाता है, फिर जिला भंडार से इंसुलेटेड वैक्सीन भान से ब्लाक वैक्सीन भंडार में डंप किया जाता है, फिर यहां से वैक्सिन कैरियर से उचित तापमान पर उप केंद्र एवं टीकाकरण सत्र पहुंचाया जाता है, फिर जाकर लाभार्थी तक वैक्सीन पहुंचाता है.

वैक्सीन के लिए यह सावधानी जरूरी

गर्मी से- यूआईपी के अंतर्गत इस्तेमाल वैक्सीन गर्मी में 8 डिग्री से ज्यादा ताप पर हो.

ठंड से- हिपेटाइटिस बी, पेंटावेलेंट, आईपीवी, डीपीटी, तथा टीटी वैक्सीन ज्यादा ठंड में यानी +2 डिग्री सेल्सियस रखने पर

रोशनी से- बीसीजी तथा मिजिल्स वैक्सीन को धूप में रखने पर अपना क्षमता खो देती है.

अंतिम कोल्ड चेन के आवश्यक संसाधन

भवन
मानव संसाधन
अपकरण
रिकॉर्डिंग एवं रिपोर्टिंग सिस्टम