रायपुर। कोरोना वायरस के बढ़ते महामारी को रोकने में पुलिसकर्मियों का अहम योगदान है. इनके जज्बे को आज पूरा देश सलाम कर रहा है. दिन भर मेहनत कर लोगों की सेवा में लगे हैं. पुलिसकर्मी अपने परिवार को छोड़कर बाहर रहते हैं, तभी शहर के लोग घर के अंदर सुरक्षित रहते हैं. बच्चे और पत्नी इनके आने का इंतजार करते रहते हैं, लेकिन जब वो घर पहुंचते हैं तो उनसे मिल भी नहीं पाते. क्योंकि वो अपने परिवार को भी सुरक्षित रखना चाहते हैं. यही वजह है कि आम जनता भी इनकी सम्मान में कोई कसर नहीं छोड़ रही है.
दिल को छू लेना वाली तस्वीर
सोशल मीडिया में एक तस्वीर वायरल हो रही है. जिसमें दो बच्चे और एक पुलिसकर्मी दिखाई दे रहा है. यह तस्वीर राजधानी रायपुर की है. तस्वीर में दिख रहे पुलिसकर्मी भरत बरेठ है, जो कि आमानाका के थाना प्रभारी है. इनकी ड्यूटी कोरोना मरीजों के लाने लेजाने और एम्स अस्पताल में लगाई गई है. जहां वो पिछले 18 मार्च से ड्यूटी पर तैनात हैं. जब भरत बरेठ 16 दिन बाद अपने घर पहुंचे और दरवाजे के पास खड़े हो गए, पर अंदर प्रवेश नहीं किया. बच्चों को गले लगाना चाह रहे थे, लेकिन चाह कर भी उन्हें छू तक नहीं पाए. उन्हें भी अपनी परिवार की चिंता थी.
आमानाका थाना प्रभारी भरत बरेठ ने lalluram.com से बातचीत में बताया कि यह तस्वीर उनकी पत्नी ने खीचीं है. उन्होंने बताया कि आमानाका प्रभारी होने के नाते मेरी ड्यूटी एम्स अस्पताल में लगी है. लगातार कोरोना वायरस के संक्रमित मरीजों और डॉक्टरों की सुरक्षा की जिम्मेदारी हम पर है. ऐसे समय में वो घर नहीं जाते है, बल्कि थाने में ही एक रूम में रहते हैं. पूरा परिवार भी इस संकट के घड़ी में हमारा पूरी सहयोग कर रहे है. हमें परेशान नहीं कर रहे है. याद आती है तो वीडियो कॉल के जरिए उनसे बातचीत हो जाती है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पुलिस के उच्च अधिकारियों का भी लगातार हमें सहयोग मिल रहा है.
पुलिसकर्मियों पर फूलों की बारिश
धमतरी जिले के कलेक्टर रजत बंसल और एसपी बी.पी. राजभानू के नेतृत्व में निकाली गई फ्लैग मार्च का शहरवासियों ने फूलों की बारिश कर स्वागत किया. भारत माता की जय के नारे लगाए गए. पुलिस वालों ने कहा कि आपका बहुत अच्छा सहयोग मिल रहा है. इसी तरह सहयोग मिलते रहे. घर पर ही रहे, बाहर न घूमे.