Chhattisgarh Crime News: रायपुर/ बिलासपुर. सरकारी जमीन को निजी बताकर आरोपियों ने उसे 6 लोगों के पास 30 लाख रुपए में बेच दिया. जब नामांतरण नहीं हुआ तब कोर्ट से पता चला कि उक्त जमीन सरकारी है. जब पीड़ित ने पैसा वापस करने के लिए कहा तो आरोपी द्वारा मना कर दिया गया. इस मामले में सरकंडा पुलिस ने धोखाधड़ी के तहत अपराध दर्ज किया है. सरकंडा पुलिस ने बताया कि रामनगर चिंगराजपारा निवासी संजय कुमार जायसवाल पिता भकला जायसवाल (43) कारपेंटर का काम करता है. उन्होंने सीपत रोड से बहतराई रोड पर स्थित खसरा नंबर 270 में से रकबा 900 वर्ग फुट को नदीम अहमद टिकरापारा निवासी से 700 रुपए वर्ग फीट के हिसाब से खरीदने के लिए सौदा तय हुआ.

18 जनवरी 2024 को इकरारनामा कराया गया. जिसमें पीड़ित संजय कुमार ने 1 लाख रुपए यूनियन बैंक से आरटीजीएस के माध्यम से नदीम के नाम जमा किया. 26 अप्रैल 2024 को विक्रय विलेख के माध्यम से पंजीयन कार्यालय में दो गवाहों के समक्ष शेष 4 लाख 19 हजार रुपए को रमेश कुमार यादव के नाम पर आरटीजीएस के माध्यम से प्रदान किया. रजिस्ट्री फीस 81 हजार व 60 हजार रुपए दिया था. इसके पीड़ित ने नामांतरण के लिए आवेदन पेश किया. कोर्ट ने जमीन शासकीय बताते हुए नामांतरण खारिज कर दिया. इसके बाद पीड़ित ने नदीम से संपर्क किया. इसके बाद पीड़ित ने नदीम से पैसा लौटाने को कहा तब नदीम ने तीन अलग-अलग चेक दिया. बैंक में जमा करने पर तीनों चेक बाउंस हो गया. जांच में पता चला कि आरोपियों ने एक ही जमीन को बेचने का झांसा देकर संतोषी साहू से 4 लाख 75 हजार रुपए, रानी साहू से 4 लाख 50 हजार रुपए, मुनई राम साहू से 7 लाख 41 हजार रुपए, मंजू धूरी से 1 लाख रुपए, शशी बाई साहू से 7 लाख 7 हजार रुपए कुल 30 लाख रुपए लेकर धोखाधड़ी किया है. इस मामले में पुलिस ने आरोपी नदीम अहमद, रमेश कुमार साहू सांई विहार दुर्ग निवासी समेत अन्य के खिलाफ अपराध दर्ज किया है.